रांची. डीजीपी अनुराग गुप्ता ने राज्य के छह जिलों में लंबित केस को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है. इन जिलों में रांची, हजारीबाग, पलामू, गिरिडीह, देवघर और दुमका के नाम शामिल हैं. यह रिपोर्ट सीसीटीएनएस के डेटाबेस के आधार पर एक जनवरी 2020 से 31 जुलाई 2025 के आंकड़ों के आधार पर नौ सितंबर को तैयार की गयी है. डीजीपी ने रिपोर्ट में लिखा है कि लंबित केस के आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि उक्त छह जिलों में अनुसंधान की स्थिति चिंताजनक है. लंबित केस के बिंदु पर डीजीपी छह अक्तूबर को सभी रेंज डीआइजी के साथ समीक्षा बैठक करेंगे.
लंबित केस की समीक्षा डीआइजी अपने स्तर से भी कर लें
समीक्षा बैठक से पहले डीजीपी ने निर्देश दिया है कि लंबित केस की समीक्षा डीआइजी अपने स्तर से भी कर लें, ताकि लंबित केस का निष्पादन हो सके. डीआइजी को यह भी निर्देश दिया गया कि वे लंबित केस के लिए जिम्मेवार पुलिस पदाधिकारी को चिह्नित करेंगे. विशेष रूप से ऐसे अनुसंधानक, जिन्होंने लंबे समय से केस का निष्पादन नहीं किया है. डीजीपी ने कहा कि ऐसे केस जो गंभीर अपराध से जुड़े हैं, लेकिन तीन माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी केस में सुपरविजन रिपोर्ट नहीं सौंपी गयी है, उसकी समीक्षा करें. इसके अलावा ऐसे केस जिसमें सुपरविजन होने के बाद भी तीन माह से एसपी द्वारा रिपोर्ट तैयार नहीं की गयी है और छह माह से अधिक समय से अनुसंधान में कोई विशेष प्रगति नहीं है, उसकी भी समीक्षा करने को कहा गया है. इसके अलावा समीक्षा के दौरान ऐसे केस को चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है, जो केस सामान्य अपराध से जुड़े हैं, लेकिन छह माह से अधिक समय से कोई केस डायरी समर्पित नहीं की गयी है. समीक्षा के दौरान ऐस केस भी चिह्नित किये जायेंगे, जिसमें छह से अधिक समय से गिरफ्तारी या कुर्की की कार्रवाई नहीं की गयी. डीआइजी द्वारा समर्पित रिपोर्ट के आधार पर डीजीपी यह चिह्नित करेंगे कि किस डीएसपी, सर्किल इंस्पेक्टर या पुलिस पदाधिकारी के के कारण केस लंबित है.
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