हर द्वार पर खुशियों का तोरण
कमल, गेंदा और मोती की लड़ियों से सजेंगे घरों के द्वार, कस्टमाइज डिजाइन और इवल आई वाले तोरण बने ग्राहकों की पहली पसंद
दिवाली पर घर-घर में लग रहे वंदनवार और तोरण, मां लक्ष्मी के स्वागत की तैयारी में घर और बाजार
रांची. दिवाली को लेकर राजधानी रांची का बाजार दुल्हन की तरह सज उठा है. शहर का हर कोना रौशनी से नहाया हुआ है. रंग-बिरंगी लरियां, वंदनवार और तोरण द्वार पूरे माहौल को और भी खुशनुमा बना रहे हैं. घर के प्रवेश द्वार पर वंदनवार या तोरण लगाना समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि प्रवेश द्वार पर वंदनवार और तोरण लगाने से मां लक्ष्मी का घर में आगमन होता है. यही कारण है कि लोग दीपावली के अवसर पर अपने घरों के प्रवेश द्वार पर वंदनवार और तोरण लगाना आवश्यक समझते हैं. इसी वजह से बाजारों में रंग-बिरंगी लरियां और विभिन्न प्रकार के वंदनवार-तोरण की भरमार है.गेंदा, गुलाब और कमल वाले वंदनवारों की धूम
इस बार बाजार में गेंदा, गुलाब और कमल की डिजाइन वाले वंदनवार खूब पसंद किये जा रहे हैं. पहले लोग असली गेंदा के फूलों से घर सजाते थे, वहीं अब प्लास्टिक, ऊन और गोट्टे से बने गेंदा के वंदनवार बाजार में उपलब्ध हैं. गुलाब के फूलों वाली लड़ियों को भी वंदनवार के रूप में पेश किया गया है, जिन्हें सफेद कंट्रास्ट के साथ खूबसूरती से डिजाइन किया गया है. मां लक्ष्मी का वास कमल में माना जाता है, इसलिए इस बार कमल के फूलों वाले वंदनवारों की विशेष मांग है. लाल, गुलाबी और मैरून रंगों में तैयार ये वंदनवार मोती, कांच, ऊन, लकड़ी, कपड़े और बीड्स आदि से बनाये गये हैं. बाजार में सिंगल लड़ी से लेकर गुच्छे वाले वंदनवार तक अलग-अलग दामों पर उपलब्ध हैं. तोरण विक्रेता विजय के अनुसार, बाजार में 100 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक के वंदनवार खरीदे जा सकते हैं.भारी तोरण भी बना रहे आकर्षण का केंद्र
कार्डबोर्ड, मोतियों की लरियां, गोल्डन-सिल्वर वायर, जूट और गोट्टा-पत्ती का भी इस्तेमाल किया गया है. बाजार में तोरणों की कीमत 250 रुपये से शुरू होकर 5000 रुपये तक है. रांची में बिकने वाले अधिकांश तोरण दिल्ली, कोलकाता और जयपुर से मंगवाये गये हैं.कस्टमाइज वंदनवार और ‘ईवल आई’ का नया ट्रेंड
बदलते समय के साथ अब वंदनवार और तोरण भी कस्टमाइज कराये जा रहे हैं. अब ग्राहक अपने घर के दरवाजे या दीवार के आकार और पसंद के अनुसार वंदनवार बनवा सकते हैं. इस बार बाजार में ‘ईवल आई’ डिजाइन का ट्रेंड छाया हुआ है. माना जाता है कि यह नजर दोष से बचाता है. इसलिए इसे वंदनवार और तोरण में शामिल किया गया है. इसके अलावा आम के पत्ते, गणेश-लक्ष्मी, ओम, स्वास्तिक जैसे शुभ प्रतीक भी कस्टमाइज वंदनवार, तोरण और हैंगिंग्स में इस्तेमाल किये जा रहे हैं. क्राफ्ट डिजाइनर राशि बताती है कि कस्टमाइज वंदनवार और तोरण 500 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक के ऑर्डर पर तैयार किये जा रहे हैं.‘दीया-बाती’ और राजा-रजवाड़ों पर आधारित थीम भी हिट
इस बार बाजार में वंदनवार और तोरणों में थीम आधारित डिजाइन भी दिखाई दे रहे हैं. दीया-बाती से लेकर राजा-रजवाड़ों और रानियों की थीम पर बनाये गये वंदनवार काफी आकर्षक हैं. कुछ डिजाइन में दीये को कवर कर अंदर रखने का पैटर्न भी बनाया गया है. घंटियों, मोतियों और सितारों से बनी लड़ियों के साथ-साथ दरवाजों के किनारों के लिए साइड हैंगिंग्स भी उपलब्ध हैं. ऐसी लरियां और साइड हैंगिंग्स की कीमत 100 रुपये जोड़ी से लेकर 1000 रुपये तक है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

