प्रतिनिधि, डकरा.
केडीएच परियोजना में सक्रिय छह मान्यता प्राप्त श्रमिक संगठनों में से पांच ने मंगलवार को परियोजना प्रबंधन को पत्र दिया है. जिसमें फिजिकल अटेंडेंट के नियम में संशोधन, रेस्ट लेने की प्रक्रिया में बदलाव, ओवरमैन का तबादला और हाजिरी बनानेवाले स्थल पर काम कराने की मांग शामिल है. मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गयी है. इस पत्र में सीसीएल सीकेएस, जनता मजदूर संघ, एनसीओइए ( सीटू), कोल फिल्ड मजदूर यूनियन और यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किये हैं. वहीं राष्ट्रीय कोयला मजदूर यूनियन के प्रतिनिधि ने अलग से एक पत्र पीओ को देकर अन्य यूनियन नेताओं पर परियोजना का माहौल खराब करने का आरोप लगाया है. दोनों पत्र सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. दोनों ही पक्ष मजदूरों की आड़ में अपने प्रभाव को साबित करने में जुटे हुए हैं. चर्चा तो यह भी है कि दोनों पक्षों के पीछे बड़े अधिकारी अपने अहंकार को साबित करने की मुहिम चला रहे हैं. गौरतलब हो कि दोनों पक्षों के मांग के पीछे मजदूरों को कोई मतलब नहीं है. मजदूर कहते हैं कि हमलोगों को क्या मतलब है और कौन हमलोगों को पूछ रहा है?. सब नेताओं की लड़ाई है. बताते चलें कि केडीएच एनके एरिया के ट्रेड यूनियन राजनीति का हमेशा से केंद्र बिंदु रहा है. एक समय ऐसा था, जब एनके प्रबंधन एरिया स्तर के नेता, केडीएच के नेताओं से सहमति लेकर ही कोई निर्णय लेती थी. इस परियोजना के अधिकांश नेता अब एरिया स्तर पर अपने-अपने संगठन का नेतृत्व कर रहे हैं. लेकिन अब भी सभी का राजनैतिक मैदान केडीएच ही बना हुआ है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है