रांची.
थाइलैंड के चांगमाई सिटी में एशिया यंग इंडीजिनस पीपुल्स नेटवर्क की बैठक गुरुवार से होगी. दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों के आदिवासी युवाओं की इस अंतरराष्ट्रीय संस्था के चेयरपर्सन रांची के गुंजल इकिर मुंडा हैं. एक सितंबर तक चलनेवाली बैठक में इन देशों के आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. यह संस्था की सालाना बैठक है, जिसमें सभी देशों के प्रतिनिधि बीते एक साल में अपने-अपने यहां हुए कार्यों की रिपोर्ट साझा करेंगे. चेयरपर्सन गुंजल इकिर मुंडा ने भारत के संदर्भ में बताया कि कई मुद्दों पर बात होगी. खासकर छत्तीसगढ़ के बस्तर के आदिवासी के मुद्दे पर. जंगल का मामला, आदिवासियों के साथ हो रहे अत्याचार व उनकी स्थिति पर बात होगी. सरकारी नीतियों, खनन, औद्योगिकीकरण, जंगलों के कटने व विकास की योजनाओं से कैसे आदिवासी प्रभावित हो रहे हैं, यह भी चर्चा का विषय होगा. उन्होंने कहा कि झारखंड के आदिवासियों की स्थिति भी छत्तीसगढ़ से बहुत अलग नहीं है. यहां भी आदिवासी समुदाय अपनी पारंपरिक जीवनशैली में हस्तक्षेप की वजह से प्रभावित हो रहा है. झारखंड में आदिवासी समुदाय लगातार संघर्ष कर रहा है. ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि विकास की योजनाओं में, उनके क्रियान्वयन में उनकी सहभागिता नहीं है. जलवायु परिवर्तन की वजह से समुदाय पर पड़नेवाले प्रभावों पर भी वार्ता होगी. इसके अलावा बांग्लादेश पर भी विशेष रूप से बात होगी. वहां सत्ता परिवर्तन की वजह से किस तरह अल्पसंख्यक समुदाय जिसमें आदिवासी भी हैं खतरे में पड़ गये हैं. अन्य देशों के आदिवासियों के मुद्दे पर चर्चा का हिस्सा होंगे.
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