रांची (प्रमुख संवाददाता). झारखंड शराब व्यापारी संघ ने राज्य में शराब दुकानों की लॉटरी में राज्य के लोगों को प्राथमिकता देने की मांग की है. संघ ने नयी उत्पाद नीति के लेकर सरकार के प्रति आभार जताया है, इसके साथ ही सरकार के समक्ष अपनी कुछ मांग भी रखी है.
झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स सभागार में रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेस में चेंबर के अध्यक्ष परेश गट्टानी ने कहा कि राज्य के व्यवसायी काफी दिनों से इसकी मांग कर रहे थे. तीन वर्ष बाद राज्य में फिर से खुदरा शराब का कारोबार निजी हाथों में दिया गया है. झारखंड शराब व्यापारी संघ के महासचिव सुबोध जायसवाल ने कहा कि मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष में चार हजार करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य रखा गया है. जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 1300 करोड़ रुपये अधिक है.उन्होंने कहा कि अब तक सामान्यतया राजस्व में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की जाती थी. उन्होंने सरकार से इस पर विचार का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि इससे खुदरा दुकानदारों पर काफी दबाब बढ़ेगा. इसके अलावा दुकानों की लॉटरी भी प्रभावित होगी. जिस दुकान की बंदोबस्ती तीन वर्ष पूर्व पांच करोड़ में हुई ती, इस वर्ष बढ़कर लगभग नौ करोड़ हो जायेगी. इस मौके पर झारखंड चेंबर के महासचिव आदित्य मलहोत्रा, रांची जिला शराब व्यापारी संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र साहू, रिंकू भगत उपस्थित थे.
दूसरे राज्य के व्यापारियों के आने की संभावना
संघ का कहना है कि नयी उत्पाद नीति के तहत समूह में दुकान का आवंटन किया जायेगा. एक व्यक्ति को अधिकतम 36 दुकान का आवंटन किया जा सकता है. संघ के महासचिव ने कहा कि दुकान की लॉटरी में दूसरे राज्यों के व्यापारी में शामिल होंगे. संघ ने एक व्यक्ति को एक ही दुकान देने की मांग की है. इसके साथ राज्य के लोगों को दुकान आवंटन में प्राथमिकता देने की मांग संघ ने की है.
एडवांस में मिलेगा 600 करोड़ का राजस्व
संघ का कहना है कि नयी उत्पाद नीति के से सरकार को एडवांस में लगभग 600 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति होगी. इसके लॉटरी के आवेदन से भी लगभग पांच करोड़ रुपये प्राप्त होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है