रांची (विशेष संवाददाता). आजसू पार्टी ने कहा है कि कांग्रेस व झामुमो पेसा कानून और सरना कोड के मुद्दे पर आदिवासियों को गुमराह करना बंद करें. दोनों पार्टियां बतायें कि 2014 में केंद्र की मनमोहन सरकार ने सरना कोड की मांग को खारिज क्यों किया था. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत व प्रवीण प्रभाकर ने पत्रकारों से कहा कि मौजूदा सरकार आदिवासियों के अधिकारों के साथ खिलवाड़ कर रही है और पेसा कानून को पूरी तरह लागू करने से कतरा रही है. मौके पर मीडिया प्रभारी परवाज खान, संजय मेहता सहित अन्य मौजूद थे. आजसू ने कांग्रेस और झामुमो से पेसा कानून के संबंध में अपनी स्थिति और रुख स्पष्ट करने को कहा है. आजसू नेताओं ने कहा कि 2012 में मनमोहन सरकार ने लोकसभा में सरना कोड की मांग को गृह मंत्रालय के जरिये अव्यावहारिक बताते हुए खारिज कर दिया था. आजसू पार्टी सरना कोड के समर्थन में है. श्री प्रभाकर ने कहा कि सरना कोड आदिवासी समुदाय की भावना, पहचान और अस्तित्व से जुड़ा प्रश्न है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और झामुमो ने इस मुद्दे को पहले अव्यावहारिक कहकर खारिज कर दिया था और अब राजनीतिक लाभ के लिए इसे उछाल रहे हैं.
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