रांची. राज्य में सितंबर माह में शराब बिक्री से पिछले वर्ष की तुलना में 144 करोड़ रुपये अधिक राजस्व प्राप्त हुआ. इस वर्ष सितंबर में अब तक के सभी रिकॉर्ड टूट गये. उत्पाद विभाग को निर्धारित लक्ष्य से भी अधिक राजस्व मिला है. राज्य में एक सितंबर से नयी उत्पाद नीति लागू की गयी है, जिसके बाद शराब की बिक्री में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है. उत्पाद विभाग ने सितंबर माह के लिए 275 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य तय किया था, जबकि विभाग को लक्ष्य से लगभग 49 करोड़ रुपये अधिक राजस्व मिला. पिछले वर्ष सितंबर में विभाग को 181 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था, जो निर्धारित लक्ष्य 171 करोड़ से नौ करोड़ अधिक था. इस वर्ष की तुलना में यह आंकड़ा 144 करोड़ रुपये कम रहा.
निजी हाथों में खुदरा शराब की बिक्री
नयी उत्पाद नीति के तहत राज्य में खुदरा शराब की बिक्री अब निजी दुकान संचालकों को दी गयी है. जेएसबीसीएल द्वारा दुकानदारों को शराब उपलब्ध कराया जाता है और दुकान की बंदोबस्ती लॉटरी के माध्यम से की गयी है. वर्तमान में राज्य में कुल 1343 खुदरा शराब दुकानें संचालित हो रही हैं, जबकि पहले इनकी संख्या 1453 थी. यानी दुकानों की संख्या में 110 की कमी आयी है.
पहले प्लेसमेंट एजेंसी को मिली थी जिम्मेदारी
पूर्व में खुदरा शराब बिक्री की जिम्मेदारी प्लेसमेंट एजेंसी को दी गयी थी. एजेंसी के देखरेख में ही बिक्री होती थी और शराब की आपूर्ति जेएसबीसीएल द्वारा की जाती थी.
सितंबर से मार्च तक 2402 करोड़ का लक्ष्य
नयी उत्पाद नीति के तहत सितंबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक के लिए 2402 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है. पूरे वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए यह लक्ष्य 3585 करोड़ रुपये रखा गया है. उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभाग को कुल 2985 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था.
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