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कोरोना से जंग : खुद को बचायें, राज्य में सिर्फ 200 वेंटिलेटर- स्वास्थ्य विभाग

कोरोना वायरस से खुद को बचाना मौजूदा समय की मांग है. यदि कोरोना से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ी, तो अभी देश भर में स्वास्थ्य उपकरणों की कमी महसूस की जा रही है. बेशक झारखंड में भी यही स्थिति है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य भर में वेंटिलेटर की कुल संख्या करीब 200 है. इनमें निजी क्षेत्र के अस्पतालों में लगे वेंटिलेटर भी शामिल हैं.

रांची : कोरोना वायरस से खुद को बचाना मौजूदा समय की मांग है. यदि कोरोना से प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ी, तो अभी देश भर में स्वास्थ्य उपकरणों की कमी महसूस की जा रही है. बेशक झारखंड में भी यही स्थिति है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य भर में वेंटिलेटर की कुल संख्या करीब 200 है. इनमें निजी क्षेत्र के अस्पतालों में लगे वेंटिलेटर भी शामिल हैं. आम दिनों के लिए इसे पर्याप्त मान लिया जा सकता है, पर महामारी की हालत में इसकी कितनी जरूरत पड़ेगी, इसका सही अंदाज लगाना मुश्किल है. विभागीय सूत्रों के अनुसार सरकारी क्षेत्र के विभिन्न अस्पतालों में जितने वेंटिलेटर हैं, उनमें से ज्यादातर की स्थिति अच्छी नहीं है तथा इन्हें मरम्मत की जरूरत है. इधर, स्वास्थ्य विभाग ने करीब 40 नये वेंटिलेटर मंगाने की प्रक्रिया शुरू की है. इसकी खरीद के लिए पब्लिक नोटिस जारी किया गया है.

क्या है वेंटिलेटर : वेंटिलेटर एक मेडिकल उपकरण है, जिसकी सहायता से मरीज की सांस चालू रखी जाती है. इसकी सहायता से मरीज की सांस नली में पाइप के सहारे फेफड़े में हवा पंप की जाती है. दरअसल, वायरस का अटैक होने पर इंसान के फेफड़े के स्वस्थ टिश्यू कठोर (हार्ड) हो जाते हैं. इससे रक्त कोशिकाअों को अॉक्सिजन नहीं मिलता तथा मरीज की हालत बिगड़ने लगती है. ऐसी हालत में उसे जीवित रखने तथा इलाज जारी रखने के लिए वेंटिलेटर की सहायता ली जाती है.

हर छह में में एक मरीज को जरूरत : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचअो) के अनुसार, कोविड-19 से पीड़ित हर छठे मरीज को सांस की समस्या हो सकती है. ऐसे में समस्या बढ़ने पर उसे वेंटिलेटर की जरूरत हो सकती है. बुजुर्गों को कोरोना से खतरा अधिक है. इसलिए 60 वर्ष या अधिक उम्र वाले लोगों को इसकी ज्यादा जरूरत हो सकती है. झारखंड में 60 वर्ष से अधिक लोगों की संख्या अभी करीब 25 लाख (2011 की जनसंख्या के अनुसार करीब 23.5 लाख) है.

200 में से 175 वेंटिलेटर राजधानी में ही उपलब्ध

रांची. झारखंड में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित एक भी मरीज की शिनाख्त नहीं हुई है. फिर भी प्रशासन हर स्थिति से निबटने की तैयारी में जुटा है. राजधानी में विभिन्न जगहों पर आइसोलेशन वार्ड तैयार किये गये हैं. क्वारेंटाइन के अलावा इलाज की व्यवस्था भी की जा रही है. पूरे राज्य में 200 वेंटिलेटर में से 175 वेंटिलेटर सिर्फ राजधानी में उपलब्ध है. क्रिटिकल मरीजाें के इलाज में दिक्कत नहीं हो इसके लिए रिम्स व निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर की उपलब्धता की सूची तैयारी की गयी है. सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा तैयार की गयी सूची के अनुसार, राजधानी में 175 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं. सबसे ज्यादा करीब 30 वेंटिलेटर रिम्स के पास मौजूद हैं. वहीं, सैमफोर्ड अस्पताल में 22, मेदांता अब्दुर्रज्जाक अंसारी मेमोरियल विवर्स हॉस्पिटल में 18 वेंटिलेटर उपलब्ध हैं.

सरकार के निर्देश पर सिविल सर्जन ने सभी निजी अस्पतालों से संकट की घड़ी में तैयार रहने को कहा है. अस्पताल प्रबंधन को कहा गया है कि सरकार को जैसे ही आवश्यता पड़ती है, तो वहां कोरोना के मरीजों को इलाज के लिए भर्ती कराया जायेगा. डॉक्टरों की टीम भी तैयार करने को कहा गया है. वहीं, 12 छोटे अस्पतालों ने अभी सूची नहीं भेजी है, जहां एक-एक वेंटिलेटर की सूचना मिली है.

रिम्स में कोविड-19 के लिए 12 वेंटिलेटर रिजर्व, 14 को किया जायेगा तैयार

रिम्स के ट्राॅमा सेंटर को कोविड-19 के लिए तैयार कर लिया गया है. यहां क्रिटिकल मरीजाें के इलाज के लिए वेंटिलेटर की व्यवस्था भी कर दी गयी है. 12 वेंटिलेटर को रिजर्व कर दिया गया है. वहीं, क्रिटिकल केयर में 14 वेंटिलेटर को आवश्यकता के हिसाब से तैयार रखने को कहा गया है. इसके अलावा अन्य विभाग में चार वेेंटिलेटर हैं, जिसका उपयोग किया जायेगा. रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि हम इलाज के लिए तैयार हैं. कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए टीम गठित कर दी गयी है.

अस्पताल वेंटिलेटर की उपलब्धता

रिम्स 30

सैमफोर्ड 22

मेदांता 18

क्यूरी कैंसर अस्पताल 4

मां रामप्यारी आर्थो हॉस्पिटल 8

सिंहपुर नर्सिंग होम 5

गुलमोहर नर्सिंग होम 1

रिंची ट्रस्ट हॉस्पिटल 4

हरमू हॉस्पिटल 1

राजू सेवा सदन 2

एकलिप्स सेंटर फॉर मेडिकल साइंस 5

लेक व्यू हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर 4

द सेवन पाम हॉस्पिटल 3

रानी अस्पताल 6

जसलोक अस्पताल 2

देवकमल 4

कांके जेनरल हाॅस्पिटल 1

सिटी ट्रस्ट हाॅस्पिटल 2

बालपन चिल्ड्रेन अस्पताल 9

स्टोन एंड यूरोलॉजी क्लिनिक 1

रांची यूरोलॉजी सेंटर 1

वरदान अस्पताल 1

द्वारिका अस्पताल 1

नारायणी नर्सिंग होम 2

कश्यप नर्सिंग होम 1

गुरुनानक अस्पताल 5

माेदी मेमोरियल हॉस्पिटल 1

माना देवी लक्ष्मण मेमोरियल हॉस्पिटल 2

विनायक हॉस्पिटल 1

सिद्धार्थ चिल्ड्रेन अस्पताल 2

आरजेएसपी कैंसर अस्पताल 1

सिरडी साईं अस्पताल 1

सेवन डे एडवेंटिस्ट अस्पताल 2

चौधरी नर्सिंग होम 1

आलम अस्पताल 5

हर्षित अस्पताल 1

श्रीसुपरस्पेशियलिटी अस्पताल 1

क्रिटिकल मरीजाें के इलाज में दिक्कत नहीं हो इसके लिए रिम्स व निजी अस्पतालों में 175 वेंटिलेटर उपलब्ध है. आर्मी अस्पताल में चार अतिरिक्त वेंटिलेटर को रखा गया है, जिसको उपयोग आइसोलेशन में किया जायेगा.

डॉ वीबी प्रसाद, सिविल सर्जन

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