18.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

कोल इंडिया : 20 वर्षों में 5.10 से घट कर 2.39 लाख हो गये नियमित कोयलाकर्मी

कोल इंडिया की लगभग सभी कंपनियों में कर्मियों की नियमित नियुक्ति बंद है. अभी कोल इंडिया की कंपनियां केवल तकनीकी संवर्ग में नियुक्ति कर रही हैं. इसके अतिरिक्त जमीन के बदले नौकरी दे रही है.

रांची : कोल इंडिया के नियमित कर्मियों की संख्या पिछले 20 साल में करीब तीन लाख घट गयी. 2002 में कोल इंडिया में कुल 5.10 लाख कर्मी काम कर रहे थे. 2023 में इनकी संख्या घटकर 2.39 लाख के करीब पहुंच गयी है. हालांकि, कर्मियों की संख्या कम होने का असर कोयला उत्पादन पर नहीं पड़ा है. इस दौरान कोल इंडिया का उत्पादन करीब दोगुना बढ़ गया है. 2003 में कोल इंडिया का कुल उत्पादन 361 मिलियन टन के आसपास था. 2023 में यह बढ़ कर 700 मिलियन टन से अधिक हो गया है. असल में कोयला उत्पादन की पूरी व्यवस्था अब ठेका मजदूरों पर निर्भर रह गयी है. इस उद्योग में ठेका मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ रही है. नियमित मजदूरों की संख्या घट रही है. सीसीएल के सीएमडी वी वीरा रेड्डी भी कहते हैं कि कोयला उद्योग में विभागीय उत्पादन की हिस्सेदारी बहुत अधिक नहीं है. आउटसोर्स से ही ज्यादा उत्पादन हो रहा है.

कोल इंडिया में बंद है कर्मियों की नियमित नियुक्ति

कोल इंडिया की लगभग सभी कंपनियों में कर्मियों की नियमित नियुक्ति बंद है. अभी कोल इंडिया की कंपनियां केवल तकनीकी संवर्ग में नियुक्ति कर रही हैं. इसके अतिरिक्त जमीन के बदले नौकरी दे रही है. अनुकंपा पर भी नौकरी दे रही है. पहले कर्मियों के लिए स्पेशल वीआरएस स्कीम चलती थी. इसमें कोल इंडिया की कंपनियों में काम करने वाले लोगों को कई प्रकार के ऑफर मिलते थे. महिलाओं के लिए अलग फीमेल वीआरएस स्कीम लायी गयी थी. गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति के परिजनों को भी कंपनी में नियुक्त किया जाता था. लेकिन, कोल इंडिया प्रबंधन के आदेश पर कोयला कंपनियां कुछ टेक्निकल पद पर ही नियुक्ति करा रही हैं. इसके अतिरिक्त अनुकंपा पर नियुक्ति मिल रही है. मेडिकल अनफिट की नौकरी बंद हो गयी है.

विभागीय उत्पादन हो रहा कम

कोल इंडिया में विभागीय उत्पादन बहुत ही कम हो रहा है. कोल इंडिया की कंपनियां ठेकेदारों से कोयला निकालने से लेकर ढोने तक का काम करा रही हैं. इस कारण खनन काम में धीरे-धीरे स्थायी मजदूरों की संख्या कम हो गयी है.

पिछले 10 वर्षों में उत्पादन और मैनपावर की स्थिति

वित्तीय वर्ष उत्पादन मैनपावर

2012-13 452             3.64

2013-14 462             3.52

2014-15 494             3.26

2015-16 538             3.13

2016-17 554             3.02

2017-18 567             2.85

2018-19 606             2.72

2019-20 602             2.59

2020-21 598             2.48

2021-22 622             2.44

2022-23 703             2.39

(नोट : उत्पादन लाख टन में व मैनपावर लाख में)

Also Read: कोल इंडिया में काम करनेवालों से ज्यादा रिटायर कर्मचारी, पेंशन में खर्च हो जाते हैं 4500 करोड़ रुपये से अधिक

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel