प्रतिनिधि, नामकुम.
लालखटंगा के दुलमी टंगरा में तीन से पांच नवंबर तक ईसाई समाज के द्वारा आयोजित मुक्ति महोत्सव के विरोध में रविवार को नया भुसूर स्कूल मैदान में आदिवासी सरना बचाओ जनाक्रोश आमसभा हुई. सभा में ग्राम प्रधान, पहान व सरना अगुवा व सैकड़ों ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से मुक्ति महोत्सव को आयोजित नहीं होने देने का निर्णय लिया. अध्यक्षता कर रहे ग्राम प्रधान राजेश टोप्पो ने कहा कि ग्रामसभा के फैसले के बाद भी अगर महोत्सव का आयोजन किया गया तो वे न्यायालय का शरण लेंगे. वक्ताओं ने कहा आये दिन चंगाई सभा के माध्यम से धर्मांतरण कराया जा रहा है जो आदिवासियों की सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, संवैधानिक अधिकारों पर हमला है. कई गांव के पूरे आदिवासी परिवारों का धर्म परिवर्तन करा कर सरना मसना, अखड़ा, मड़ई की जमीन पर अवैध तरीके से चर्च बनाया जा रहा है. ग्रामीणों ने राज्य सरकार के इशारे पर धर्मांतरण का खेल खेलने का आरोप लगाया गया. जानकारी के अनुसार नामकुम के 94 गांवों में 34 गांवों में शत-प्रतिशत आदिवासियों का धर्मांतरण करा दिया गया है. वक्ताओं ने 23 नवंबर को तुपुदाना के चांद गांव में आयोजित कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा लोगों को शामिल होने की अपील की. संचालन शनिचरवा तिर्की ने किया. मौके पर ग्राम प्रधान निरल होरो, दीपक मुंडा, पहान चरका मुंडा, गोमल पहान, करमू मुंडा, अजय मुंडा, संदीप उरांव, मेघा उरांव, प्रकाश मुंडा, सोमा उरांव, सुकरा मुंडा, बिनोद उरांव, शनि उरांव, नवीन उरांव, गोविंद उरांव, सविता देवी, सुनाती देवी, सुशील उरांव, सुमित्रा देवी, सालगी कच्छप , सुनिता टोप्पो आदि उपस्थित थे.हर हाल में कार्यक्रम नहीं होने देने का लिया निर्णयB
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