रांची. वरिष्ठ समाजवादी सैयद शहनवाज कादरी ने कहा कि समाजवाद आखिर कमजोर क्यों हुआ. आज यह सोचने की आवश्यकता है. डॉ राम मनोहर लोहिया के दौर में समाजवादियों के लिए सत्ता नहीं, बल्कि सिद्धांत महत्वपूर्ण था. बाद में सिद्धांत पर सत्ता हावी हो गयी. इस कारण समाजवाद की धार कमजोर हुई. वे रविवार को ऑड्रे हाउस में डॉ राम मनोहर लोहिया की 115वीं जयंती पर आयोजित परिसंवाद व पुस्तक विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे. संवाद का विषय था- लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका.
लोकतंत्र की मजबूती के लिए विपक्ष का मुखर होना आवश्यक
कादरी ने कहा कि यदि समाजवादी अपने सैद्धांतिक मूल्यों से भटके नहीं होते, तो वर्तमान सत्ता के अंदर जो तानाशाही प्रवृत्ति बढ़ रही है, वैसी स्थिति कभी नहीं बनती. लोकतंत्र की मजबूती के लिए विपक्ष का मुखर होना आवश्यक है. पूर्व मंत्री दिनेश षाड़ंगी ने कहा कि लोहिया के सपनों के अनुरूप काम हो, इस दिशा में लोहिया के अनुयायियों से अधिक वर्तमान में केंद्र की मोदी सरकार ने काम किया है. पूर्व मंत्री रामचंद्र केसरी ने कहा कि समाजवाद आज भी जिंदा है. डॉ राम मनोहर लोहिया के बताये मार्ग पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
ये हुए शामिल
कार्यक्रम के दौरान डॉ राम मनोहर लोहिया रिसर्च फाउंडेशन द्वारा खरसावां गोलीकांड पर तैयार की गयी लघु फिल्म का भी प्रर्दशन किया गया. मौके पर देवकीनंद नरसरिया, वरिष्ठ पत्रकार बलबीर दत्त, पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह बेसरा, गोविंद अग्रवाल, जयंत सिंह तोमर, पाउंडेशन के अभिषेक सिंह व पूरनचंद विचार मंच के अभिजीत कुमार ने भी अपने अपने रखे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

