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झारखंड सीएम हेमंत को माइनिंग लीज देने में पूजा सिंघल की थी भूमिका, पुलिस से साझा नहीं कर सकते जानकारी-ईडी

पूजा सिंघल प्रकरण की जांच में मिले तथ्यों को ईडी ने पुलिस एजेंसी के साथ साझा इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा है कि माइनिंग लीज देने के मामले में पूजा का सीरियस इंप्लीकेशन पाया गया है.

रांची: ईडी ने पूजा सिंघल प्रकरण की जांच में मिले तथ्यों को राज्य की ऐसी पुलिस एजेंसी के साथ साझा नहीं करने की बात कही है, जिसका प्रशासनिक नियंत्रण राज्य सरकार के पास हो. झारखंड सीएम हेमंत सोरेन को माइनिंग लीज देने के मामले में पूजा सिंघल का सीरियस इंप्लीकेशन पाया गया है. ईडी द्वारा हाइकोर्ट में दायर शपथ पत्र में इन तथ्यों का उल्लेख किया गया है.

ईडी के सहायक निदेशक विनोद कुमार की ओर से हाइकोर्ट में 19 मई को शपथ पत्र दायर किया गया है. इसमें कहा गया है कि खूंटी और अड़की थाने में दर्ज 16 प्राथमिकी की जांच इडी कर रही है. इस सिलसिले में निदेशालय ने एक मामला (इसीआइआर/पैट/14/2012) दर्ज किया है. प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामले की जांच के दौरान खान सचिव पूजा सिंघल का सीरियस इंप्लीकेशन पाया गया है. यह मामला प्रतिवादी संख्या-7 (हेमंत सोरेन) के नाम लीज आवंटन से संबंधित है. लीज आवंटन का यह मामला पीआइएल संख्या 727/2022 से भी संबंधित है.

कुछ शेल कंपनियों की भूमिका संदेहास्पद :

शपथ पत्र में कहा गया है कि रिट याचिका संख्या 4290/2021 में वर्णित शेल कंपनियों में से कुछ की भूमिका संदेहास्पद है. ये कंपनियां झारखंड के दायरे से बाहर फैली हुई हैं. इडी को सभी याचिकाओं में प्रतिवादी बनाया गया है. हाइकोर्ट ने भी निदेशालय को नोटिस जारी की है. इस सिलसिले में कहना है कि पीएमएलए की धारा 66(2) के तहत इडी जांच में मिले तथ्यों की जानकारी हाइकोर्ट को देने के लिए बाध्य है.

जांच में मिले गंभीर तथ्यों को ‘सीलबंद’ लिफाफे में कोर्ट में पेश किया जा चुका है. आवश्यकता पड़ने पर इडी की ओर से हाइकोर्ट के निर्देश के आलोक में शपथ पत्र दायर किया जायेगा. वर्तमान मामले की गंभीरता को देखते हुए इडी ने इन तथ्यों को किसी ऐसी पुलिस एजेंसी के साथ साझा नहीं करने की सलाह दी है, जिसका प्रशासनिक नियंत्रण राज्य सरकार के पास हो.

ईडी की ओर से दायर शपथ पत्र में यह भी कहा गया है कि याचिका में सीएम सह खान मंत्री को अपने लिये लीज आवंटन के मामले में दंडित करने की मांग की गयी है. इसके अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9ए के तहत सदस्यता समाप्त करने का मुद्दा भी उठाया गया है. याचिका में अनगड़ा मौजा में माइनिंग लीज देने के मामले में इडी और सीबीआइ से प्रतिवादी संख्या सात(हेमंत सोरेन) और प्रतिवादी संख्या आठ( पूजा सिंघल) द्वारा किये गये अपराध की जांच कराने की मांग की गयी है.

Posted By: Sameer Oraon

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