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प्लाज्मा बैंक का शुभारंभ : झारखंड के मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बनेगा प्लाज्मा बैंक, सरकार देगी बढ़ावा

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में झारखंड ने ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है. कोरोना को मात देकर स्वस्थ हो चुके लोगों के प्लाज्मा का इस्तेमाल कर संक्रमितों का इलाज किया जायेगा.

रांची : कोरोना के खिलाफ लड़ाई में झारखंड ने ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है. कोरोना को मात देकर स्वस्थ हो चुके लोगों के प्लाज्मा का इस्तेमाल कर संक्रमितों का इलाज किया जायेगा. इससे संक्रमितों की जान बचायी जायेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को रिम्स ब्लड बैंक में प्लाज्मा बैंक का शुभारंभ करते हुए ये बातें कही.

श्री सोरेन ने कहा कि रिम्स से प्लाज्मा एकत्रित करने का कार्य शुरू किया जा रहा है, जिसे राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में शुरू करने की योजना है. सरकार वह हर संभव प्रयास करेगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा संख्या में प्लाज्मा का दान हो. कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहा है. अब तक इसके इलाज की न तो कोई कारगर दवा और न ही कोई टीका इजाद हो पाया है.

ऐसे में प्लाज्मा थेरेपी कोरोना संक्रमितों के लिए नयी उम्मीद है. कई राज्यों में इस तकनीक से कोरोना संक्रमितों का इलाज हो रहा है, इसलिए हमारी सरकार ने इस थेरेपी को शुरू करने का फैसला लिया. मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, रिम्स की प्रभारी निदेशक डॉ मंजू गाड़ी और मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद सहित कई चिकित्सक मौजूद थे.

झारखंड में पहली बार : कोरोना से लड़ रहे बुजुर्ग को चढ़ाया प्लाज्मा

राजीव पांडेय, रांची : मेडिका अस्पताल में कोरोना से जंग लड़ रहे डाल्टेनगंज निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग को दान किया गया प्लाज्मा चढ़ाया गया है. कोरोना संकट के बीच झारखंड में प्रयोग के तौर पर पहली बार किसी कोरोना संक्रमित की प्लाज्मा थेरेपी शुरू की गयी है. हालांकि अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि प्लाज्मा चढ़ाने के बाद 24 से 48 घंटे में इसका असर दिखना चाहिए. चूंकि यह शोधपरक थेरेपी नहीं है और इसका ट्रायल ही चल रहा है. ऐसे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी.

डॉक्टरों के अनुसार कोरोना के कारण संक्रमित का फेफड़ा खराब हो गया है और वे निमाेनिया की चपेट में हैं. उन्हें क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ विजय मिश्रा की देखरेख में वेंटिलेटर पर रखा गया है. सूत्रों के अनुसार, रेमडेसवीर व महंगी एंटीबायोटिक दवाएं देने के बावजूद संक्रमित की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है.

ऐसे में प्लाज्मा थेरेपी से इलाज की अंतिम कोशिश शुरू की गयी है. मेडिका अस्पताल प्रबंधन के आग्रह पर रिम्स प्रबंध ने उन्हें प्लाज्मा उपलब्ध करा दिया. मंगलवार शाम सात बजे बुजुर्ग को रांची के कोरोना वरियर दीपू द्वारा दान किया गया प्लाज्मा चढ़ाया गया. डॉक्टर यह उम्मीद जता रहे हैं कि इस प्लाज्मा की मदद से संक्रमित के शरीर में एंटीबॉडिज तैयार होगा, जो कोरोना से लड़ने में उसकी मदद करेगा.

  • हालत में सुधार की उम्मीद लगाये हुए हैं डॉक्टर, 24 से 48 घंटे में आयेगा रिजल्ट

  • संक्रमण की वजह से खराब हो चुका है बुजुर्ग का फेफड़ा, निमोनिया भी हो गया है

Post by : Pritish Sahay

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