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Friday, March 29, 2024

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झारखंड सरकार को नहीं मिला FCI का बकाया 498 करोड़, अब धान खरीद की राशि भुगतान करने के लिए लेगी कर्ज

धान अधिप्राप्ति मद का भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) पर झारखंड सरकार का बकाया बढ़ कर लगभग 498 करोड़ रुपये पहुंच गया है. सरकार की ओर से कई बार पत्र लिखा गया है लेकिन अब तक इसका भुगतान नहीं किया गया है.

रांची : धान अधिप्राप्ति मद का भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) पर झारखंड सरकार का बकाया बढ़ कर लगभग 498 करोड़ रुपये पहुंच गया है. इसको लेकर सरकार की ओर से कई बार पत्र लिखा गया है, लेकिन अब तक कुल बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है. इधर सरकार खरीफ विपणन मौसम 2022-23 में किसानों से धान खरीद की तैयारी में जुट गयी है. किसानों को धान क्रय की राशि ससमय भुगतान के लिए सरकार बैंक से एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने की तैयारी कर रही है.

एफसीआइ पर वित्तीय वर्ष 2015-16 से बकाया राशि 10.19 करोड़ से बढ़ कर अब तक 319.03 करोड़ पहुंच गयी है. इसके अलावा धान अधिप्राप्ति केंद्रों का कमीशन, सीएमआर के परिवहन, प्रशासनिक शुल्क, ब्याज मद में भी एफसीआइ पर राज्य सरकार का लगभग 179 करोड़ रुपये बकाया है. राज्य सरकार की ओर धान अधिप्राप्ति केंद्रों का कमीशन के तौर पर 9.40 करोड़,

सीएमआर के परिवहन पर 66.70 करोड़, जूठ बोरा (नया) के मद में 101.76 करोड़ व जूट बोरा (पुराना) मद में 1.85 करोड़ का भुगतान कर दिया गया है, लेकिन एफसीआइ की ओर से सिर्फ जूट बोरा (नया) मद में राज्य सरकार को 1.54 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. अन्य में राज्य सरकार को किसी प्रकार की कोई राशि का भुगतान नहीं किया गया है.

पिछले साल लिया था 775.65 करोड़ कर्ज, अब तक ब्याज पर खर्च हुए 17 करोड़ : खरीफ विपणन मौसम 2021-22 में किसानों से धान किये गये राशि का अविलंब भुगतान करने को लेकर सरकार ने बैंक से 775.65 करोड़ रुपये कर्ज लिया था. अब तक सरकार की ओर से मूलधन के तौर लगभग 245 करोड़ व ब्याज के तौर पर लगभग 17 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. पिछले साल सरकार की ओर से किसानों से 7.52 लाख टन धान की खरीद की गयी थी. इसके एवज में सरकार की ओर से किसानों को 1543.44 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. पिछले दो साल से राज्य सरकार ने जेएसएफसी को रिवाल्विंग फंड की राशि देना बंद कर दिया है.

धान अधिप्राप्ति मद में बकाया राशि का ब्योरा

वित्तीय वर्ष लंबित राशि

2015-16 10.19 करोड़

2017-18 53.12 करोड़

2018-19 12.20 करोड़

वित्तीय वर्ष लंबित राशि

2019-20 08.59 करोड़

2020-21 3.52 करोड़

2021-22 231.38 करोड़

एफसीआइ से बकाया राशि प्राप्त करने को लेकर सरकार की ओर से कई बार पत्राचार किया गया है. बकाया राशि के भुगतान की गति धीमी है. एक मुश्त राशि मिलने पर सरकार बैंक से ली गयी कर्ज की राशि को समाप्त कर सकती है. खरीफ विपणन मौसम 2022-23 में किसानों से धान खरीद के समय राशि भुगतान को लेकर बैंक से कर्ज लेने की तैयारी चल रही है.

यतींद्र प्रसाद, एमडी, जेएसएफसी

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