: रांची विवि रसायनशास्त्र विभाग में संगोष्ठी रांची . रांची विवि के कुलपति प्रो डीके सिंह ने कहा कि झारखंड अपने खनिजों , खदानों और प्राकृतिक संसाधनों के लिए जाना जाता है. हमें यहां ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में कार्य करने की आवश्यकता है. हमें शोध और अनुसंधान के लिए ज्ञान के साथ दूरदर्शी सोच की आवश्यकता है. कुलपति शुक्रवार को पीजी रसायनशास्त्र विभाग के तत्वावधान में वर्ष 2025 में कैमिस्ट्री का नोबल पुरस्कार विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे. कुलपति ने कहा कि हमारे शोध और रिसर्च मानवता की सेवा लिये होने चाहिए, तभी हमारा देश आगे बढ़ेगा. सीएमपीडीआइ के जीएम डॉ वीके पांडेय ने कहा कि हमें सौर उर्जा के क्षेत्र में कार्य करना होगा. हम चीन जैसे देशों से अपनी तुलना नहीं करना चाहेंगे. चीन की आवश्यकता हमसे बहुत ज्यादा है. हमें जलवायु परिवर्तन को देखते हुए समन्वय से कार्य करना होगा. कार्बन उत्सर्जन पर लगाम लगाना होगा. सीयूजे के एनर्जी इंजीनियरिंग विभाग के प्राध्यापक डॉ समदर्शी ने ग्रीन एनर्जी के उत्पादन और उपयोग की बात कही. बीआइटी मेसरा के प्राध्यापक प्रो सुमित मिश्रा ने कहा कि आज हर क्षेत्र में तकनीक के विकास ने हमारे कृषि से लेकर हर चीज में खतरनाक तत्वों का समावेश कर दिया है. हमें परिष्कार और जल उपचार के क्षेत्र में नये शोध करने की आवश्यकता है. इससे पूर्व आगंतुकों का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ स्मृति सिंह ने किया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ वंदना ने किया. कार्यक्रम में साइंस डीन डॉ वंदना, मानविकी डीन डॉ अर्चना दुबे, कॉमर्स डीन डॉ एके चौधरी, विधि संकाय डीन डॉ पंकज चतुर्वेदी, डॉ अनिल डेल्टा, डॉ नीलम, राकेश शर्मा, डॉ राजकुमार सिंह, डॉ नीरज, डॉ आशीष झा आदि उपस्थित थे.
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