रांची : आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने कहा है कि 2021 की जनगणना में सरना धर्म कोड के साथ शामिल होना देश के आदिवासियों का हक है, पर उन्हें यह न्याय अब तक नहीं मिला है. अंग्रेजी शासन काल के दौरान भारत के आदिवासियों को यह धार्मिक न्याय प्राप्त था, पर आजाद भारत में नहीं मिल सका है. इसलिए आदिवासी सेंगेल अभियान, केंद्रीय सरना समिति और अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद द्वारा पूर्व घोषित छह दिसंबर (आज) का राष्ट्रव्यापी रेल-रोड चक्का जाम हमारी मजबूरी है. इसके लिए हमारे कार्यकर्ता झारखंड, बंगाल, बिहार, ओड़िशा और असम में तैयार हैं.
उन्होंने कहा कि छह दिसंबर को कोई बंदी का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि सिर्फ सांकेतिक शांतिपूर्ण अभव्यिक्ति है. उम्मीद है कि पुलिस प्रशासन भी सहयोग करेगा. गौरतलब है कि सरना धर्म कोड को लेकर ओडिशा के विभिन्न शहरों में भी विरोध प्रदर्शन हुए थे. साथ ही अपनी मांगों को लेकर लोग मुखर हैं.
आपको बता दें कि झारखंड विधानसभा से सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेज दिया गया है. आदिवासी संगठनों ने इसे लागू करने को लेकर 30 नवंबर की डेडलाइन दी थी. इसके बाद इन्होंने रेल-रोड जाम की चेतावनी दी थी.
Posted By : Guru Swarup Mishra