Deepika Pandey Singh: झारखंड की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह बुधवार 14 मई को ग्रामीण सड़कों, पुलों और विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करेंगी. उनकी बैठक में विभागीय अधिकारियों के साथ ही मुख्य अभियंताओं को भी शामिल किया जायेगा. बैठक में सभी अधिकारियों को रिपोर्ट के साथ आने का निर्देश दिया गया है. इस दौरान मंत्री दीपिका पांडेय सिंह पिछले वित्तीय वर्ष में हुए कार्यों की समीक्षा करेंगी. समीक्षा बैठक में विशेष रूप से मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढीकरण योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना की रिपोर्ट ली जायेगी. साथ ही ग्रामीण विकास की योजनाओं की स्थिति का भी अवलोकन किया जायेगा. इसके अलावा पिछले साल आवंटित बजट और उसके विरुद्ध कितनी राशि खर्च की गयी. इसकी रिपोर्ट भी ली जायेगी.
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सड़क योजनाओं के लिए बनायी जायेगी नीति
जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के लिए नयी नीति बनने वाली है. वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नीति तैयार की जायेगी, ताकि योजनाओं की स्वीकृति पर फैसला लिया जा सके. इसके साथ ही नीति के अंतर्गत यह तय होगा कि इस साल विधायकों की अनुशंसा पर कितनी योजनाएं लेनी हैं. मालूम हो कि हर वित्तीय वर्ष में विधायकों की अनुशंसा पर सड़क और पुल की योजनाएं ली जाती हैं. बताया गया कि एक बार दो सालों के लिए एक साथ नीति तय कर दी गयी थी. लेकिन ग्रामीण कार्य विभाग को इस बार फिर से नीति बनानी होगी. इसके बाद ही योजनाओं को स्वीकृति मिल पायेगी.
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बरसात से पहले तेजी से होगा काम
इधर, ऐसा कहा जा रहा है कि ग्रामीण कार्य विभाग बरसात को अपना लक्ष्य मानकर तैयारी कर रहा है. विभाग द्वारा बरसात आने से पहले ही मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण योजना के तहत काम कराया जायेगा. हालांकि, अगर बारिश से पहले सड़कों के गड्ढे नहीं भरे जाते हैं या सड़कों को चलने लायक नहीं बनाया जाता है. तो इससे ग्रामीणों को काफी परेशानी होगी. इस वजह से सड़क सुदृढ़ीकरण का काम तेजी से किया जायेगा.
सरकार के पास काफी कम समय है
बता दें कि इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में बनी सड़कों को दुरुस्त किया जाता है. इसका मतलब है कि सड़कों के गड्ढों को भरकर ठीक किया जाता है. इसे चलने लायक बनाया जाता है. हालांकि, राज्य में कई जगहों पर सड़कों की स्थिति काफी दयनीय है. लोगों को आने-जाने में बहुत दिक्कत होती है. ऐसे में समय पर इसे दुरुस्त करने के लिए सरकार के पास काफी कम समय है.
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