World Meteorological Day 2023: विश्व मौसम विज्ञान दिवस हर साल 23 मार्च को पृथ्वी के वायुमंडल की रक्षा में लोगों और उनके व्यवहार की भूमिका के महत्व को उजागर करने के लिए मनाया जाता है. डब्लूएमओ का लक्ष्य वर्ष 2030 तक एक ऐसी दुनिया बनाना है, जहां जहां सभी राष्ट्र (विशेष रूप से अल्पविकसित) चरम मौसम, जलवायु, पानी और अन्य पर्यावरणीय घटनाओं के सामाजिक आर्थिक परिणामों के प्रति अधिक तैयार हों.’
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) विश्व मौसम विज्ञान दिवस के अवसर पर समाज की सुरक्षा और भलाई के लिए मौसम, जलवायु और जल विज्ञान सेवाओं के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करता है. पूर्वानुमान और संबंधित गतिविधियों के बारे में जनता को शिक्षित करने के उद्देश्य से झारखंड की राजधानी में स्थित मौसम केंद्र रांची 23 मार्च को विश्व मौसम विज्ञान दिवस मना रहा है.
मौसम विज्ञान केंद्र रांची की नयी पहल
खराब मौसम की चेतावनी/नाउकास्ट के लिए स्थान विशिष्ट एसएमएस अलर्ट.
रांची शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर स्मार्ट स्क्रीन पर मौसम की जानकारी का प्रावधान.
सोशल मीडिया यूजर्स के लिए आकर्षक मौसम सोशल मीडिया प्रोडक्ट्स.
क्षेत्र विशिष्ट प्रभाव आधारित पूर्वानुमान और चेतावनी.
जीआईएस आधारित चेतावनी और पूर्वानुमान प्रोडक्ट्स.
झारखंड में लगे हैं 18 ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन
झारखंड में 18 ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन हैं. मौसम केंद्र का कहना है कि हम विभिन्न हितधारकों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मौसम सेवाएं प्रदान करते हैं (जैसे: रेलवे, एयरपोर्ट अथॉरिटी, कोल इंडिया, सेल, कृषि विभाग (केवीके सहित), आपदा प्रबंधन आदि).
150 जगह से वर्षा की मिलती है सूचना
रांची मौसम विज्ञान केंद्र को पहले 80 जगह से वर्षा की सूचना मिलती थी, जो अभी 150 हो गयी है. इस साल के अंत तक 250 जगहों से यह सूचना कलेक्ट होगी. मौसम केंद्र के मुताबिक, आने वाले दिनों में ऑब्जर्वेशन नेटवर्क का विस्तार होगा. टूरिज्म प्लेस पर वैरिएबल मैसेज साइन बोर्ड लगाये जायेंगे. थंडर स्टॉर्म टेस्ट बेड प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. रांची के कई इलाकों में वज्रपात के कारण काफी नुकसान व हादसा होता है. इस प्रोजेक्ट के बाद वज्रपात से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा.
विश्व मौसम विज्ञान दिवस का इतिहास
वर्ष 1950 में 23 मार्च को विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की स्थापना हुई थी. यह एक अंतर सरकारी निकाय है. इसके 193 सदस्य देश हैं. WMO की वेबसाइट के अनुसार, यह दिन ‘राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान सेवाओं के आवश्यक योगदान’ को दर्शाता है. संगठन की उत्पत्ति अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन (IMO) से हुई है. WMO का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा में है.
WMO दिवस की प्रासंगिकता क्यों है?
जलवायु परिवर्तन की वजह से दुनिया के कई हिस्सों में मौसम, जलवायु और पानी की चरम घटनाएं लगातार और तीव्र होती जा रही हैं. यह जनसंख्या वृद्धि, शहरीकरण और पर्यावरणीय गिरावट की वजह से हो रहे हैं. मौसम क्या होगा इसके पूर्वानुमान अब भी पर्याप्त नहीं हैं, लेकिन प्रभाव-आधारित पूर्वानुमान जनता को सूचित करते हैं कि मौसम क्या करेगा, जीवन और आजीविका को बचाने के लिए महत्वपूर्ण हैं. फिर भी तीन में से एक व्यक्ति अभी भी पूर्व चेतावनी प्रणाली से पर्याप्त रूप से आच्छादित नहीं है.
राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान सेवाओं, आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों और विकास एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय बेहतर रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए मौलिक है. तैयार होने और सही समय पर सही जगह पर कार्य करने में सक्षम होने से, कई लोगों की जान बचायी जा सकती है और हर जगह समुदायों की आजीविका की रक्षा की जा सकती है.