रांची. रिम्स में कैंसर मरीजों की पूरी जांच नहीं हो पाती है, जिससे कैंसर का सही समय पर पहचान और इलाज नहीं हो पाता है. इस कमी को दूर करने के लिए पीपीपी मोड पर पैट स्कैन मशीन स्थापित करने की तैयारी है. वहीं, थैलियम स्कैन को भी स्थापित करने का विचार है. इस पर मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी की अध्यक्षता में रिम्स शासी परिषद की 59 वीं बैठक में निर्णय लिया जायेगा. बैठक प्रशासनिक भवन में 11.30 बजे रखी गयी है. इसमें 28 एजेंडे पर चर्चा की जायेगी.
100 डॉक्टरों की पदोन्नति पर दी जायेगी सहमति
बैठक में 100 डॉक्टरों की पदोन्नति पर अंतिम रूप से सहमति देने और रिजल्ट को प्रकाशित करने को लेकर निर्णय लिया जायेगा. पदोन्नति पर फैसला करीब चार महीना से लटका हुआ है, जिससे डॉक्टर चिंतित हैं. साक्षात्कार के बाद चयनित डॉक्टरों की सूची विभाग और स्वास्थ्य मंत्री के पास भेजी गयी है. इसके अलावा एनेस्थीसिया विभाग में पीडीसीसी व पीडीएएफ कोर्स शुरू करने और टेक्नीशियन के 80 पद सजृन करने पर भी फैसला होगा. वहीं, परिचारिका महाविद्यालय में एमएससी कोर्स शुरू करने भी निर्णय होगा. इसके अलावा डिम्ड यूनिवर्सिटी बनाने के प्रस्ताव पर भी निर्णय लिया जायेगा. हालांकि 58 वीं जीबी की बैठक में मरीजों के बेड पर हर दिन अलग-अलग रंग की चादर बिछाने सहित कई निर्णय का अमल आज तक नहीं हो सका है.
मेडॉल और हेल्थ मैप के साथ करार की होगी समीक्षा
रिम्स में संचालित हेल्थ मैप और मेडॉल के लंबित विपत्रों के भुगतान पर निर्णय लिया जायेगा. वहीं, दोनों एजेंसियों और राज्य सरकार के साथ हुए करार की समीक्षा भी की जायेगी. एकरारनामा की शर्त का आकलन किया जायेगा. इसके अलावा एमआरआइ की दूसरी मशीन और लीनियर एक्सीलेटर मशीन की खरीदारी पर भी निर्णय होगा.
अनुवांशिक जांच के शुल्क निर्धारण पर भी निर्णय
रिम्स के जेनेटिक्स एवं जीनोमिक्स विभाग के अंतर्गत होनेवाली अनुवांशिक जांच का शुल्क एम्स की तर्ज पर करने का फैसला भी जीबी में लिया जायेगा. अगर एम्स में जांच नहीं होती है, तो पीजीआइ चड़ीगढ़ और एसजीपीजीआइ लखनऊ के आधार पर स्वीकृत करने का निर्णय लिया जायेगा. रिम्स नियमावली-2014 के अनुरूप संस्थान में कार्यरत डॉक्टरों को एम्स की तर्ज पर सभी भत्ता देने पर फैसला होगा.
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