बुढ़मू.
छापर पंचायत के हिरींग बटुका में भारत जगत मांझी परगना महल के तत्वावधान में शुक्रवार को सामाजिक बैठक हुई. जिसमें आदिवासी स्वशासन व्यवस्था को मज़बूत करने और सांस्कृतिक एकजुटता को पुनर्स्थापित करने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया. मुख्य अतिथि मनेंद्र हेम्ब्रम, सुनील कुमार किस्कू, मुनिश टुडू, मांकी टुडू और सूरज मुर्मू ने कहा कि आज के समय में आदिवासी समाज को अपने पारंपरिक शासन ढांच, मांझी परगना, महल प्रणाली को पुनर्जीवित करने की ज़रूरत है. जिससे गांवों में स्वशासन और सामाजिक न्याय व्यवस्था मजबूत हो सके. साथ ही कहा गया कि संथाली भाषा, संस्कृति और परंपरा को नयी पीढ़ी तक पहुंचाने की जिम्मेदारी हर मंजी-हादम और ग्रामसभा की है. 17 अक्तूबर को “आदिवासी बचाओ मोर्चा” के बैनर तले आयोजित होनेवाली महा आक्रोश रैली को सफल बनाने के लिए रणनीति और जनसंपर्क अभियान पर विस्तार से चर्चा की गयी. अध्यक्षता मदन किस्कू और संचालन मटोला मांझी हड़म राजाराम मुर्मू ने किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

