रांची. खूंटी जिले के विभिन्न इलाकों में हुए पत्थलगढ़ी आंदोलन को भाकपा माओवादियों ने हाइजैक करने का प्रयास किया था. इसकी जानकारी पुलिस अफसरों को भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के पोलित ब्यूरो मेंबर और सेंट्रल कमेटी सदस्य रहे प्रशांत बोस से मिली है. प्रशांत बोस से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस अधिकारियों ने रिपोर्ट तैयार की है. जिसमें लिखा गया है कि खूंटी में हुए पत्थलगढ़ी आंदोलन के प्रमुख नेताओं से नक्सलियों की बातचीत हुई थी. जिसमें संविधान की पांचवीं अनुसूची में लिखित प्रदत अधिकारी की मांग करते हुए एक साझा योजना बनी, लेकिन बाद में पार्टी ने समर्थन वापस ले लिया था. जबकि सरायकेला-खरसावां में महाराज प्रमाणिक ने क्षेत्रीय नेताओं के साथ समन्वय स्थापित किया था.
प्रशांत बोस ने प्रमाणिक को बात करने का दिया था निर्देश
प्रशांत बोस ने खुद इस संबंध में महाराज प्रमाणिक को नेताओं से मिलकर आगे की योजना पर बात करने के लिए कहा था. अगर नक्सलियों की योजना पत्थलगढ़ी आंदोलन को हाइजैक करने में विफल रहती, तो भविष्य में किस रणनीति के तहत काम होगा, इस पर भी चर्चा की जानी थी. योजना के संबंध में बातचीत करने के लिए कुछ लोग नक्सलियों के पास भी पहुंचे थे, लेकिन योजना को लेकर किसी कारणवश आगे बातचीत नहीं हो सकी.
पुलिस की रिपोर्ट से नक्सली योजना की हुई पुष्टि
पत्थलगढ़ी आंदोलन के कभी नक्सलियों के समर्थन होने, तो कभी पीएलएफआइ उग्रवादियों द्वारा समर्थन देने की बात सामने आती रही थी. लेकिन कभी भी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी कि आंदोलन के पीछे नक्सलियों का हाथ है. लेकिन अब प्रशांत बोस के बयान पर तैयार पुलिस की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि नक्सलियों ने सिर्फ आंदोलन को हाइजैक करने का प्रयास किया था, लेकिन इसमें वे कभी सफल नहीं हो सके थे.
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