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झारखंड : अब मिड-डे-मील में हर बुधवार मिलेंगे मड़ुआ के व्यंजन, बच्चे बताएंगे क्या खाना है लड्डू या हलवा

झारखंड के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन में अतिरिक्त पोषाहार देने की कवायद की गई है. इसके तहत अब हर बुधवार को मिड-डे-मील में मड़ुआ (रागी) का हलवा या लड्डू दिया जायेगा. झारखंड मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने सभी जिलों को पत्र के माध्यम से यह निर्देश जारी किया.

झारखंड के सरकारी स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन में अतिरिक्त पोषाहार के तहत बच्चों को बुधवार को मड़ुआ (रागी) का हलवा या लड्डू दिया जायेगा. ‘झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण’ द्वारा इस संबंध में पत्र जारी कर दिया गया है. प्राधिकरण द्वारा जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि सप्ताह में बुधवार को मड़ुआ का हलवा/लड्डू दिया जाये. बुधवार को विद्यालय में अवकाश रहने की स्थिति में यह व्यंजन अगले कार्य दिवस पर देने को कहा गया है. बच्चों को मड़ुआ का हलवा या लड्डू दोनों में से क्या दिया जाए, इसका निर्णय विद्यालय स्तर पर बच्चों की पसंद के आधार पर लिया जायेगा. इस संबंध में कमेटी का गठन किया गया है. इसके लिए प्राधिकरण की ओर से पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम में जिलों को 9.72 करोड़ रुपये भी आवंटित कर दिये गये हैं. स्कूलों को आठ सप्ताह के लिए राशि खर्च की भी स्वीकृति दी गयी है. एक विद्यार्थी के लिए 4.15 रुपये आवंटित किये गये हैं. इस योजना के लिए 60 फीसदी राशि केंद्र और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार द्वारा दी गयी है. जिलों को दिये निर्देश में कहा गया है कि राशि जिलास्तर से तीन दिनों के अंदर प्रखंड को उपलब्ध करा दी जाये. प्रखंड को सात दिनों के अंदर पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से राशि स्कूलों को उपलब्ध कराने को कहा गया है.

बनाने की विधि की भी दी गयी जानकारी

प्राधिकरण द्वारा जिलों को भेजे गये पत्र में मड़ुआ (रागी) का हलवा/लड्डू बनाने की विधि की भी जानकारी दी गयी है. इसके अलावा रसोइया के प्रशिक्षण को लेकर भी विस्तृत जानकारी दी गयी है. सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को इस संबंध में प्रतिमाह आठ तारीख को रिपोर्ट देने व त्रैमासिक रिपोर्ट 15 तारीख को देने को कहा गया है. विद्यालय स्तर से ही मड़ुआ खरीद से लेकर अन्य प्रक्रिया पूरी की जायेगी. मड़ुआ आटा में 80 फीसदी कैल्शियम पाया जाता है. यह आयरन का भी मुख्य स्रोत है. मड़ुआ विटामिन डी का भी अच्छा स्रोत माना जाता है.

प्रतिदिन 29 लाख बच्चे खाते हैं मध्याह्न भोजन

झारखंड के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा आठ तक के बच्चों को सरकार द्वारा मध्याह्न भोजन दिया जाता है. राज्य में प्रतिदिन औसतन लगभग 29 लाख बच्चे मध्याह्न भोजन खाते हैं. बच्चों को मध्याह्न भोजन योजना के तहत अतिरिक्त पोषाहार के रूप में सप्ताह में दो दिन अंडा भी दिया जाता है. जो बच्चे अंडा नहीं खाते हैं, उन्हें फल देने का प्रावधान है.

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