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Ranchi News : प्रकृति के साथ रचे-बसे रहना झारखंड और झारखंडियों का स्वभाव: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि आज पर्यावरण बड़ी चुनौती बन गयी है. पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ का ही नतीजा है कि जंगलों में रहने वाले जानवर अब गांव और बस्ती में घूम कर नये घर तलाश रहे हैं.

रांची (प्रमुख संवाददाता). मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि आज पर्यावरण बड़ी चुनौती बन गयी है. पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ का ही नतीजा है कि जंगलों में रहने वाले जानवर अब गांव और बस्ती में घूम कर नये घर तलाश रहे हैं. लोग केवल एक पेड़ बचाएं, बदलाव जरूर आयेगा. सीएम गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वन भवन (डोरंडा, रांची) में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुए. मौके पर उन्होंने यहां पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया.

सीएम ने कहा कि ऐसे समय में जब पूरी दुनिया में पर्यावरण चिंता का विषय बन गया है, हम सौभाग्यशाली हैं कि झारखंड में 70 प्रतिशत वनभूमि है. हमें वनों को संजोना और बढ़ाना होगा. पेड़ बचे रहेंगे, तो ही हम इंसान भी बचेंगे. वरना बुरे दिन आने में समय नहीं लगेगा. पर्यावरण के बिगड़ने की वजह से दुनिया भर में लोग तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं. पारंपरिक रूप से प्रकृति के साथ रचे-बसे रहना झारखंड और झारखंडियों का स्वभाव है. हमारी सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य में कई प्रयोग किये गये हैं. उनमें से एक कार्यक्रमों में पौधा देकर स्वागत करने का रिवाज शुरू करना भी है.

बदतर हो रहे शहर के हालात, गांव अब भी सुरक्षित

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया भर में प्लास्टिक खत्म करने की मुहिम चल रही है. छोटा प्लास्टिक बैग भी जीवन खतरे में डालने के लिए काफी है. प्लास्टिक का उपयोग रोकने के लिए खुद में चेतना जरूरी है. लोगों को प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का संकल्प खुद लेना होगा. हमें सोचना होगा कि पर्यावरण बचाते हुए विकास की ऊंचाइयों को कैसे छूना है. उन्होंने कहा कि आज तेजी से शहरीकरण हो रहा है. जहां पैदल चलने की जगह नहीं, वहां भी लोग बस रहे हैं. नतीजा, गांव की तुलना में शहर के हालात ज्यादा खराब हो गये हैं. ट्रैफिक जाम लग रहा है. स्कूली बच्चे घंटों तक बसों के अंदर फंसे रहते हैं. गांव आज भी कई मायनों में सुरक्षित है. शहर की स्थिति बदतर होती जा रही है. जबकि, शहर में पढ़े-लिखे लोग रहते हैं. वे दुनिया को बदलते देख रहे हैं. लेकिन, खुद डैम के किनारे ग्रीन एरिया में घर बना कर रह रहे हैं. इस तरह की हर चीज की कीमत सभी को चुकानी होगी.

गरीब के बच्चे बनेंगे इंजीनियर, डॉक्टर

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिम्मेवार सरकार शहर से गांव तक हर व्यक्ति, हर समुदाय को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना धरातल पर उतार रही है. राज्य सरकार के सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में पढ़ने वाले बच्चे 92-94 प्रतिशत अंक लाकर परीक्षा पास कर रहे हैं. हमारी सरकार गरीब, किसान और मजदूर के बच्चों के इंजीनियर व डॉक्टर बनने का मार्ग प्रशस्त कर रही है.

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