रांची.
सूर्या हांसदा एनकाउंटर की सीबीआइ जांच कराने और रिम्स-2 के नाम पर नगड़ी के रैयतों से छीनी जा रही जमीन वापस दिलाने की मांग को लेकर गुरुवार को भाजपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे. कार्यकर्ताओं ने राज्य के 264 प्रखंडों में प्रदर्शन किया. साथ ही बीडीओ के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. भाजपा रांची महानगर की ओर से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सूर्या हांसदा एक राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ता थे. खान-खनिज की बड़े पैमाने पर हो रही लूट का विरोध करने के कारण वे माफिया व बिचौलियों की आंखों की किरकिरी बन गये थे. राज्य सरकार बिचौलियों, दलालों और खनिज माफियाओं की संरक्षक है और उनके इशारे पर सूर्या हांसदा की नृशंस हत्या हुई है. पुलिस का तथाकथित एनकाउंटर पूरी तरह फर्जी है. इसलिए भाजपा इस हत्या की सीबीआइ जांच चाहती है. उन्होंने कहा कि एक तरफ अबुआ सरकार में आदिवासियों की हत्या हो रही है, वहीं रिम्स-2 के नाम पर रैयतों की खेतिहर जमीन लूटी जा रही है. रांची में हुए प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष वरुण साहू, विधायक सीपी सिंह, गणेश मिश्र, प्रदीप सिंहा, ऊषा पांडेय, योगेंद्र प्रताप सिंह, सुबोध सिंह गुड्डू, सत्यनारायण सिंह, केके गुप्ता, बलराम सिंह, जितेंद्र वर्मा,परमा सिंह, रमेश सिंह, लक्ष्मीचंद्र दीक्षित,अमित कुमार, संजय जायसवाल समेत कई कार्यकर्ता शामिल हुए. वहीं, कार्यकारी अध्यक्ष डॉ रविंद्र कुमार राय, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, प्रदेश महामंत्री व सांसद आदित्य साहू आदि ने विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन का नेतृत्व किया.चेत जाये सरकार, नहीं तो बड़ा आंदोलन होगा : रघुवर
कांके में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आज का आंदोलन हेमंत सरकार को चेतावनी देने के लिए सांकेतिक आंदोलन है. अगर सरकार नहीं चेती, तो जनता को गोलबंद करके इसे भी बड़ा आंदोलन किया जायेगा. सरकार को नेपाल की स्थिति देखकर चेत जाना चाहिए कि भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और कुशासन के खिलाफ युवा अगर गोलबंद हो गये तो पांच साल का इंतजार नहीं करेंगे. इस सिंडिकेट वाली भ्रष्ट सरकार को उखाड़ फेकेंगे. उन्होंने कहा कि समाजसेवी और भ्रष्टाचार के खिलाफ काम कर रहे आदिवासी युवक का फर्जी एनकाउंटर किया गया. इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में झारखंड में चार मेडिकल कॉलेज, कैंसर हॉस्पिटल और एम्स जैसे अस्पताल का निर्माण हुआ, लेकिन कहीं इसका विरोध नहीं हुआ. क्योंकि, हमने कहीं पर भी खेतिहर जमीन नहीं ली. लेकिन, हेमंत सरकार ने रिम्स-2 के नाम पर खेतिहर जमीन को बेच दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

