प्रतिनिधि, डकरा. प्रखंड का एसएफसी गोदाम सांपों का बसेरा बन गया है. लगभग 15 वर्ष पूर्व बना गोदाम जर्जर हो गया है. तीन तरफ से झाड़ियों से घिरी दीवारों में जहां-तहां बड़े-बड़े सुराख हो गये हैं. जिसके कारण पूरा गोदाम परिसर स्वाभाविक रूप से चूहे और सांपों का ठिकाना बना हुआ है. गोदाम में 25-30 की संख्या में मजदूर काम करते हैं. पिछले दिनों एक साथ कई जहरीले सांप देखकर भयवश मजदूर काम करना बंद कर दिये थे. ट्रांसपोर्टर और डीलरों के समझाने पर किसी तरह मजदूरों ने मिलकर गोदाम को खाली किया. मजदूरों ने बताया कि उन्हें कहा गया था कि खाली हो जाने के बाद गोदाम की मरम्मत करायी जायेगी. इसके बाद यहां अनाज स्टॉक किया जायेगा. लेकिन मरम्मत का काम नहीं हुआ है. गोदाम के अंदर अंधेरा रहता है. दीवारों में सीलन है और चूहे चारों तरफ मिट्टी खोद दिये हैं. दुर्गंध और सीलन से गोदाम में काम करना मुश्किल हो गया है.
पानी और शौचालय की व्यवस्था नहीं :
गोदाम के आसपास कहीं भी पीने का पानी, शौचालय, बैठने व आराम करने तक की व्यवस्था नहीं है. पानी आसपास किसी से मांग कर पीना पड़ता है. मजदूरों को शौच के लिए झाड़ियों में जाना होता है.पूरे प्रखंड को सप्लाई होता है अनाज :
250 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम से पूरे प्रखंड के 62 डीलरों को अनाज सप्लाई किया जाता है. मजदूरों ने काम करना बंद कर दिया तो जन वितरण प्रणाली की दुकानों से गरीबों को अनाज वितरण कार्य में बाधा उत्पन्न हो सकती है.नया गोदाम बनाने का प्रस्ताव कागजों पर :
वर्ष 2000 में बड़े क्षमता का नया गोदाम बनाने का निर्णय लिया गया था. इसकी कागजी कार्रवाई भी शुरू हुई, लेकिन यह कार्रवाई कागजों में ही सिमट कर रह गयी. जबकि उसी समय शुरू हुए प्रस्ताव पर बुढ़मू प्रखंड में काम हुआ और नया गोदाम बनकर तैयार हो गया.मरम्मत का काम करायेंगे : बीएसओ
प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी गोपाल दास ने कहा कि नया गोदाम बनाने संबंधी कागजात कहां है, मुझे जानकारी नहीं है. लेकिन गोदाम के जर्जर हालत को देखते हुए बहुत जल्द मरम्मत कार्य कराया जायेगा.मजदूरों ने काम करने से मना किया
03 डकरा 01 एसएफसी गोदाम.
03 डकरा 02 दीवारों में बने सुराख.
03 डकरा 03, सांप देखकर भयवश खड़े मजदूर.
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