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मेरिट लिस्ट रद्द होने के बाद 6 वीं जेपीएससी में सफल हुए अभियर्थियों की बढ़ी परेशानी, फिर खटखटायेंगे हाइकोर्ट का दरवाजा

विभिन्न विभाग के लिए नियुक्त अभ्यर्थी पिछले 10 माह से ट्रेनिंग में हैं. मेरिट लिस्ट के रद्द होने से सफल अभ्यर्थी और उनके परिजन चिंतित हैं. आगे क्या और कैसे होगा, उन्हें समझ नहीं आ रहा है. उनके मन में कई सवाल हैं. प्रभात खबर से बातचीत में कई अभ्यर्थियों ने कहा कि वे पूर्व में सरकारी व निजी कंपनी के अच्छे पैकेज की नौकरी पर थे.

6th JPSC News Today, Ranchi News रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने सोमवार को जेपीएससी 2020 का मेरिट लिस्ट रद्द करने का निर्णय लिया है. साथ ही आठ सप्ताह में फ्रेश मेरिट लिस्ट निकालने का आदेश जारी किया है. इसके लिए जेपीएससी को विभिन्न अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर प्रक्रिया को पूरी करने की बात कही गयी है. जेपीएससी 2020 के अंतिम मेरिट लिस्ट में 326 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की गयी थी.

विभिन्न विभाग के लिए नियुक्त अभ्यर्थी पिछले 10 माह से ट्रेनिंग में हैं. मेरिट लिस्ट के रद्द होने से सफल अभ्यर्थी और उनके परिजन चिंतित हैं. आगे क्या और कैसे होगा, उन्हें समझ नहीं आ रहा है. उनके मन में कई सवाल हैं. प्रभात खबर से बातचीत में कई अभ्यर्थियों ने कहा कि वे पूर्व में सरकारी व निजी कंपनी के अच्छे पैकेज की नौकरी पर थे.

उसे छोड़ राज्य कैडर की सर्विस में शामिल होने की तैयारी की और चयनित हुए. अब वे हाइकोर्ट के निर्णय पर न्याय के लिए अपील करेंगे. अब सफल अभ्यर्थी न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे, ताकि कोर्ट को बता सकें कि इस पूरी प्रक्रिया में उनकी कोई गलती नहीं है.

केस स्टडी

राघवेंद्र कुमार पूर्व में रांची सचिवालय में सहायक शाखा पदाधिकारी के पद पर थे. 2020 में छठी जेपीएससी में सफल होने के बाद 10 माह की ट्रेनिंग के दौरान उनकी नियुक्ति सेल टैक्स ऑफिस जमशेदपुर में हुई. राघवेंद्र कहते हैं कि जेपीएससी को लक्ष्य मान कर कई वर्ष तक लगातार पढ़ाई में जुटा रहा. पीटी के बाद मेंस परीक्षा में शामिल हुए. इंटरव्यू के बाद सफल भी हुए. अब सफल अभ्यर्थी न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे, ताकि कोर्ट को बता सकें कि इस पूरी प्रक्रिया में उनकी कोई गलती नहीं है.

केस स्टडी

रांची सामलौंग की सी इंदवार इन दिनों डीसी ऑफिस हजारीबाग में नियुक्त हैं. वे कहती हैं कि उन्होंने शुरू से ही जेपीएससी को लक्ष्य बनाया था. इसकी तैयारी ग्रेजुएशन के समय से ही की थी. अपने पहले ही अटेंप्ट में इसमें सफल रहीं. छठी जेपीएससी परीक्षा की घोषणा के बाद से तैयारी में जुट गयी थी. पीटी 2016 में हुई और इसमें सफल रही. मेंस क्लियर किया. अब हाइकोर्ट के निर्णय से आहत हूं. उन्होंने कहा कि अन्य अभ्यर्थियों के साथ हाइकोर्ट में न्याय के लिए अपील करूंगी. हम माननीय हाइकोर्ट को बतायेंगे कि परीक्षा की पूरी प्रक्रिया में हमारी कोई गलती नहीं है.

केस स्टडी

सफल अभ्यर्थियों में शामिल विशाल पांडेय कहते हैं कि बीटेक करने के बाद पुणे की एक निजी कंपनी में अच्छे पैकेज पर कार्यरत था. 2015 में परीक्षा की घोषणा के बाद राज्य कैडर की सर्विस में आने की चाह में नौकरी करते हुए ही दिन-रात पढ़ाई में जुट गया. 2016 दिसंबर में पीटी के बाद भी जेपीएससी कई बार विवाद में रहा. बावजूद 2019 में मेंस की घोषणा ने दोबारा उम्मीद दी. एक बार फिर अपने लक्ष्य पर ध्यान लगा कर आगे बढ़ा. विशाल ने कहा कि परीक्षा नियमावली और प्रक्रिया कोर्ट की नजर में ही थी. बावजूद इसके संघोषित रिजल्ट की प्रक्रिया उन्हें चिंतित कर रही है.

केस स्टडी

सफल अभ्यर्थी रहे प्रशांत हेम्ब्रम ने बताया कि उन्होंने जेपीएससी के लिए दारोगा ट्रेनिंग को छोड़ दी थी. 2018 में दारोगा बहाली में सफल हुए थे. इसके बाद दो वर्षों की ट्रेनिंग में शामिल हुए थे, 2019 में छठी जेपीएससी की मेंस के लिए दारोगा ट्रेनिंग छोड़ने का निश्चय किया. परीक्षा की तैयारी में मन लगाया. 2020 में सफल अभ्यर्थियों की सूची में नाम पाकर बहुत खुशी हुई. वर्तमान में 10 माह की ट्रेनिंग के दौरान जमशेदपुर में उपसामहर्ता पदाधिकारी के पद पर नियुक्त हैं. प्रशांत कहते हैं कि हम हाइकोर्ट की शरण में जायेंगे, ताकि सफल हुए अभ्यर्थी संशोधित मेरिट लिस्ट में शामिल हो सकें.

Posted By : Sameer Oraon

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