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Jharkhand News : राजधानी रांची के ये 26 लोग आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरनाक, पुलिस ने की यूनियन वार बुक में शामिल करने की अनुशंसा

बुक के 16वें नंबर पर सांप्रदायिक तत्वों की जानकारी देनी थी. इसमें वैसे लोगों के नाम मांगे गये थे, जो सांप्रदायिक दंगा भड़का कर आंतरिक सुरक्षा को खतरा पहुंचा सकते हैं. ऐसे लोगों में इंटरनल टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन से जुड़े लोग, नक्सली, पाकिस्तानी व चीनी समर्थक, बांग्लादेशी एजेंट या समर्थक हो सकते हैं. इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने इसका ब्योरा तैयार करने का निर्देश विभिन्न जिलों के एसपी को दिया था.

Jharkhand News, Ratu Ranchi News रांची : रातू थाना क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में रहनेवाले 26 लोगों को पुलिस ने सांप्रदायिक दृष्टिकोण से देश की आंतरिक सुरक्षा ( internal security ) के लिए खतरनाक बताया है. इन सबके नाम यूनियन वार बुक ( union war book ) में शामिल करने की अनुशंसा रातू थाना प्रभारी राजीव रंजन लाल ने एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा से की है. सूची में शामिल लोग विकट परिस्थिति में बिना वारंट के गिरफ्तार किये जा सकेंगे. गृह मंत्रालय की ओर से यूनियन वार बुक के लिए एक जुलाई 2020 से लेकर 31 दिसंबर 2020 तक के संदिग्धों की सूची पुलिस मुख्यालय से मांगी गयी थी. कुल 18 बिंदुओं पर वार बुक के लिए सूची देनी है.

एसपी को मिला था ब्योरा तैयार करने का निर्देश :

बुक के 16वें नंबर पर सांप्रदायिक तत्वों की जानकारी देनी थी. इसमें वैसे लोगों के नाम मांगे गये थे, जो सांप्रदायिक दंगा भड़का कर आंतरिक सुरक्षा को खतरा पहुंचा सकते हैं. ऐसे लोगों में इंटरनल टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन से जुड़े लोग, नक्सली, पाकिस्तानी व चीनी समर्थक, बांग्लादेशी एजेंट या समर्थक हो सकते हैं. इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने इसका ब्योरा तैयार करने का निर्देश विभिन्न जिलों के एसपी को दिया था.

सभी थानेदारों को मिली थी जिम्मेवारी :

रांची में एसएसपी ने भी इसकी जिम्मेवारी सभी थानेदारों को दी थी. ग्रामीण इलाकों के कई थानों से एसएसपी को रिपोर्ट भेजी गयी है, लेकिन किसी के नाम की अनुशंसा नहीं की गयी है. मांडर थाना प्रभारी से रिपोर्ट ली गयी है. रिपोर्ट में सभी 18 बिंदुओं पर किसी का नाम नहीं भेजा गया है.

क्या है नेशनल वार बुक

यूनियन वार बुक राष्ट्रीय स्तर की एक गुंडा पंजी है. इसके जरिये वैसे लोगों पर निगरानी रखी जाती है, जो देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा पहुंचा सकते हैं. सूची में नाम होने के बाद किसी भी विकट परिस्थिति में वार बुक में शामिल लोगों को बगैर वारंट के भी गिरफ्तार किया जा सकता है. राज्य स्तर पर भी स्टेट वार बुक होता है, लेकिन अभी यह झारखंड में नहीं है. अमूमन यूनियन वार बुक के लिए विभिन्न जिलों से अनुशंसा आने पर पुलिस मुख्यालय के स्तर से समीक्षा करने के बाद किसी के नाम की अनुशंसा भेजने का प्रावधान है.

रातू के इन लोगों के नाम सूची में है

मिन्हाज अंसारी, मियांजान अंसारी, मयुद्दीन अंसारी, खुर्शीद अख्तर, खलील अंसारी (सभी हुरहुरी) काठीटांड़ निवासी खलील अरशद, हाजी चौक सिमलिया निवासी जमशेद अंसारी, पाली निवासी शहाबुद्दीन अंसारी, आमटांड़ निवासी संतोष गोप, इतवार बाजार निवासी राजेश कुमार, विनोद महतो व योगिया महतो,

बिजुलिया निवासी सुरेश महतो, गणेश महतो, शिवपूजन महतो, ललित ग्राम निवासी रोबिन कुमार, इतवार बाजार निवासी रौशन कुमार चौधरी, चंद्रकिशोर राम, टीपू टोली निवासी नरेश यादव, आमटांड़ निवासी दीपक साहू, झखराटांड़ निवासी सुजीत ठाकुर, राजू लोहरा, जान मो अंसारी, मकबूल अंसारी, जियारत अंसारी और महफूज अंसारी.

Posted By : Sameer Oraon

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