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आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र का इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर पूर्वी भारत में निवेश का सबसे बड़ा गेटवे होगा साबित

Jharkhand News, Ranchi News, रांची : कोल्हान प्रमंडल के अंतर्गत सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र (Adityapur Industrial Area) मैन्युफैक्चरिंग हब (Manufacturing hub) बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में यह कलस्टर पूर्वी भारत में निवेश का सबसे बड़ा गेटवे साबित होगा. झारखंड सरकार ने जिस उद्देश्य से इस पर काम शुरू किया था, वह उद्देश्य साकार भी हो रहा है.

Jharkhand News, Ranchi News, रांची : कोल्हान प्रमंडल के अंतर्गत सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र (Adityapur Industrial Area) मैन्युफैक्चरिंग हब (Manufacturing hub) बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में यह कलस्टर पूर्वी भारत में निवेश का सबसे बड़ा गेटवे साबित होगा. झारखंड सरकार ने जिस उद्देश्य से इस पर काम शुरू किया था, वह उद्देश्य साकार भी हो रहा है.

29 दिसंबर, 2020 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस कलस्टर में निर्मित आधारभूत संरचनाओं का उद्घाटन कर झारखंड को इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया है. अब वह दिन दूर नहीं, जब खनिज के क्षेत्र में अपनी पहचान स्थापित कर चुके झारखंड को इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में भी जाना जायेगा.

क्या है इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर

इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर एक विशेष औद्योगिक पार्क (Industrial Park) है. इस परियोजना की कुल लागत 186 करोड़ है. इसमें 41.48 करोड़ रुपये केंद्रीय अनुदान, 50 करोड़ का अनुदान जियाडा और 60 करोड़ रुपये का विशेष अनुदान राज्य सरकार ने दिया है. आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में 82 एकड़ भूमि पर क्लस्टर का निर्माण हो रहा है. 51 इकाइयों के लिए भूमि उपलब्ध करायी जायेगी. क्लस्टर में फ्लैटेड फस्ट्रोर, टेस्टिंग सेंटर, ट्रेड पवेलियन, ट्रक पार्किंग, वेयर हाउस, स्कूल, शॉपिंग मॉल, हेल्थ सेंटर, हॉस्टल, रेस्टोरेंट, रोड, नाली, स्ट्रीट लाइट समेत अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

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लगा सकते हैं खुद की इकाई

इस क्लस्टर में 49 एकड़ भूमि इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाने वाले 51 उद्यमियों के लिए आरक्षित है. इसके अतिरिक्त 5 एकड़ भूमि में फ्लैटेड फैक्ट्री बनायी गयी है, जिसमें 92 उद्यमियों को प्लग एंड प्ले मोड पर छोटे पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक असेंबली लाइन शुरू करने के लिए आवंटित किया जा रहा है. कुछ उद्यमियों के लिए प्लग एंड प्ले मोड के तहत यूनिट का आवंटन भी हो चुका है. EMC में भूमि की कीमत 90 लाख रुपये प्रति एकड़ है और जियाडा विनियमन के अनुसार, उद्यमियों को भूमि इकाइयों के लिए 50 प्रतिशत रियायत पर दी गयी है. फ्लैटेड फैक्ट्री में तैयार ईकाइयां 15 रुपये प्रति वर्ग फीट की दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है. फ्लैटेड फैक्ट्री में इकाइयों का आकार 1200 वर्ग फीट से 2100 वर्ग फीट तक है.

45 हजार को रोजगार, 500 करोड़ का निवेश

खुद की यूनिट शुरू करने के लिए अबतक 23 इकाइयों को EMC में जमीन आवंटित की जा चुकी है और 4 इकाइयों को भूमि उपलब्ध कराने की प्रक्रिया चल रही है. 23 उद्यमियों द्वारा फैक्ट्री का निर्माण किया जा रहा है. इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में सभी उद्यमियों द्वारा अपनी इकाइयों को स्थापित कर दिया जाता है, तो लगभग 20 हजार प्रत्यक्ष एवं लगभग 25 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन एवं करीब 500 करोड़ रुपये का निवेश झारखंड में सुनिश्चित होगा.

इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर पर वर्तमान सरकार का पूरा ध्यान है. इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर में उद्यमियों द्वारा शीघ्र इकाई का निर्माण पूर्ण कर उत्पादन शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा उद्योग सचिव को मॉनिटरिंग का निर्देश दिया गया है. इस क्रम में उद्योग सचिव द्वारा पिछले दिनों क्लस्टर का दौरा कर नये निवेश को बढ़ावा देने से संबंधित निर्देश पदाधिकारियों को दिया गया है.

Posted By : Samir Ranjan.

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