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झारखंड के सचिव ने दिया 2022-23 के लिए बजट तैयार करने का आदेश, इन चीजों को ध्यान में रखने की दी सलाह

झारखंड वित्त विभाग के सचिव ने सारे विभागों को 2022-23 के बजट तैयार करने का निर्देश दिया है. उन्होंने यह भी सलाह दी है कि किन किन चीजों को मुख्य रूप से ध्यान देना जरूरी है. उन्होंने मुख्य रूप से कोविड-19 कारण जो परिस्थिति उत्पन्न हुई है, उसके तहत आजीविका की सुरक्षा पर ध्यान दें.

Budget 2022-23 Jharkhand रांची : वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने सारे विभागों से वर्ष 2022-23 के बजट तैयार कराने को कहा है. उनसे कहा गया है कि बजट तैयार करने के दौरान जीवन और आजीविका की सुरक्षा को केंद्र में रखा जाये. कोविड-19 के कारण जो परिस्थिति उत्पन्न हुई है, उसके तहत जीवन और आजीविका की सुरक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है. इसके साथ ही बजट तैयार करने में इसका भी ख्याल रखा जाये कि गत वर्षों में शुरू की गयी योजनाअों का लक्ष्य प्राप्त हो सके. ऐसी योजनाएं भी नये वित्तीय वर्ष में लिये जायें, जिनसे अधिकतम जन कल्याण का लक्ष्य हासिल हो सके.

साथ ही समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति का भी ज्यादा से ज्यादा कल्याण हो सके. बजट प्रस्ताव तैयार करते समय सीमित खर्च के सिद्धांत को भी ध्यान में रखना आवश्यक है. बजट प्राक्कलन भेजने के पहले उसकी समीक्षा भी करने को कहा गया है. साथ ही मात्र आवश्यकता आधारित बजट प्रस्ताव भेजने को कहा गया है. इस संबंध में प्रधान सचिव ने सारे विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव और विभागाध्यक्षों को पत्र भेजा है. वहीं वर्ष 2021-22 के पुनरीक्षित प्राक्कलन का आकलन करने को भी कहा गया है.

प्रधान सचिव ने लिखा है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. यह भी लिखा है कि कोविड-19 की वजह से राज्य की राज्य की राजकोष की स्थिति संकुचित हुई है तथा संसाधनों में भी कमी हुई है. सीमित संसाधनों को देखते हुए राज्य के संतुलित एवं समावेशी विकास के लिए बजट तैयार किया जाना है. राजस्व एवं प्राप्तियों का प्राक्कलन तैयार करते समय भी विभागों द्वारा कई बिंदूअों को ध्यान में रखने को कहा गया है.

इसके तहत करों, शुल्को तथा अधिभारों की आदि की वर्तमान दर, गत तीन वर्षों में प्राप्ति की वास्तविक स्थिति एवं वित्तीय वर्ष 2021-22में प्राप्तियों की वृद्धि दर की प्रवृत्ति, पूर्व के वर्षों के बकाया तथा वित्तीय वर्ष 2022-23 में उसकी वसूली की संभावना पर ध्यान देना है. यह भी कहा गया है कि अगर पिछले वर्षों में राजस्व प्राप्तियां घटती-बढ़ती रही हों, तो गत तीन वर्षों की प्राप्तियों का औसत निकाल कर संभावित प्राप्ति की राशि निर्धारित की जाये. इसके अलावा भी अन्य बिंदूअों पर काम करने को कहा गया है.

यह भी लिखा गया है कि स्थापना मद में होने वाले व्यय का आकलन सही ढंग से किया जाना आवश्यक है, ताकि सरकारी कर्मियों को वेतन आदि के भुगतान में किसी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़े. वेतन राशि की गणना एक सितंबर 2021 को कार्यरत बल के आधार पर की जाये. इसके लिए भी कई बिंदू सुझाये गये हैं. मुद्रास्फीति की वर्तमान दर को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 में जीवनयापन भत्ता का आकलन करने के लिए संभावित दर 38 प्रतिशत रखने को कहा गया है. केंद्र प्रायोजित योजना में राज्य को भी अपना हिस्सा देना होता है. ऐसे में इसके लिए भी सुझाव दिये गये हैं.

नये भवनों के निर्माण के पहले देखें जरूरत

प्रधान सचिव ने लिखा है कि पहले राज्य सरकार का लायबिलिटी देखा जाये. उसके बाद ही नयी योजनाअों के लिए राशि का प्रावधान किया जाये. यह देखा गया है कि गत वर्षों में विभागों द्वारा बड़े पैमाने पर भवनों का निर्माण कराया गया है, लेकिन इन भवनों का समुचित उपयोग नहीं हो रहा है. ऐसे में नये भवनों के निर्माण के लिए राशि का प्रावधान करने से पहले उसकी आवश्यकता का सही-सही आकलन कर लिया जाये. भवन निर्माण के लिए कम से कम राशि का प्रावधान करने का सुझाव दिया गया है.

Posted By : Sameer Oraon

Prabhat Khabar News Desk
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