रांची. बारिश की रिमझिम फुहारें भी भगवान जगन्नाथपुर रथ मेला की भक्ति और उल्लास में डूबे श्रद्धालुओं के उत्साह को कम नहीं कर सकीं. रविवार को अलसुबह से ही श्रद्धालु मौसीबाड़ी पहुंचने लगे और पूजा-अर्चना के बाद मेला का भरपूर आनंद लिया. सुबह करीब 8:30 बजे के बाद तेज बारिश शुरू हुई, लेकिन लोगों की आस्था डिगी नहीं. मौसीबाड़ी में भगवान के दर्शन के लिए लंबी कतारें लगी रहीं. मेला में इस बार बंगाल से लाये गये मछली पकड़ने के जाल की जबरदस्त बिक्री देखी गयी. स्थानीय मछुआरों ने बताया कि जाल की उच्च गुणवत्ता और मजबूती के कारण इसे खूब पसंद किया जा रहा है. दुकानदारों ने भी अगली बार अधिक मात्रा में स्टॉक लाने की बात कही. मेला परिसर में मांदर, नगाड़ा जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों के अलावा बांस और पत्थरों से बनी सजावटी वस्तुएं जैसे थाली, कटोरी, दीया, शिवलिंग, वॉल हैंगिंग, पॉट, मैगजीन स्टैंड लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं. साज-सज्जा की दुकानों में महिलाओं की भीड़ दिखी. वहीं, खिलौनों की दुकानों पर बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था.
झूला संचालकों की मायूसी, लेकिन रोमांच बरकरार
लगभग 20 से अधिक बड़े-छोटे झूले मेला में लगाये गये हैं. लेकिन, बारिश के कारण झूलों पर अपेक्षाकृत कम भीड़ देखी गयी. फ्रिसबी, रेंजर, ड्रैगन ट्रेन, चांद-तारा, डांसिंग फ्लाइ जैसे आकर्षक झूले लगाये गये हैं. वहीं, बच्चों के लिए मिक्की माउस, हेलीकॉप्टर, बेबी ट्रेन जैसे विकल्प भी मौजूद हैं. ‘मौत का कुआं’ में बाइक और मारुति कार द्वारा दिखाए जा रहे हैरतअंगेज करतब दर्शकों का रोमांच बनाए हुए हैं.खाने-पीने के स्टॉल बने आकर्षण का केंद्र
बारिश से सिहरते मौसम में लोगों ने खाने-पीने के स्टॉल का रुख किया. चाऊमीन, मोमो, गोलगप्पा, चना-भटूरा, सब्जी-पूरी, धुस्का, बालूशाही, गुलगुला, गाजा और आइसक्रीम जैसे व्यंजनों का जमकर स्वाद लिया गया. हर स्टॉल पर लोगों की लंबी कतारें देखने को मिलीं. मेला में हर आयु वर्ग के लोग बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग अपनी पसंद के अनुसार खरीदारी और मनोरंजन में व्यस्त नजर आये. कुल मिलाकर भगवान जगन्नाथपुर रथ मेला ने श्रद्धा, संस्कृति और उत्सव के त्रिवेणी संगम के रूप में एक बार फिर अपने गौरव को सिद्ध किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

