रांची (वरीय संवाददाता). झारखंड हाइकोर्ट ने सांसदों (एमपी) व विधायकों (एमएलए) के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों के स्पीडी ट्रायल को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए एमपी-एमएलए के खिलाफ लंबित मामलों की अद्यतन स्थिति की जानकारी देने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने सरकार को यह बताने को कहा कि एमपी-एमएलए अदालत में लंबित मामलों की स्थिति क्या है. कितने मामलों में आरोप पत्र दायर किये गये हैं और कितने मामले में अनुसंधान जारी है. सीबीआइ व इडी को भी केस की अद्यतन स्थिति की जानकारी देने को कहा गया. मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी. वहीं प्रार्थी दुर्गा मुंडा व झारखंड अगेंस्ट करप्शन की ओर से दायर जनहित याचिका को खंडपीठ ने यह कहते हुए निष्पादित कर दिया कि इस मामले में हाइकोर्ट स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई पहले से ही कर रहा है. वैसी स्थिति में इन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई नहीं की जा सकती है. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अभिषेक कृष्ण गुप्ता ने पैरवी की. दुर्गा मुंडा की ओर से हस्तक्षेप याचिका दायर कर पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, भानु प्रताप शाही, हरिनारायण राय, कमलेश कुमार सिंह, एनोस एक्का, विनोद कुमार सिन्हा, शौभिक चट्टोपाध्याय, संजय चौधरी के खिलाफ दर्ज केस की स्पीडी ट्रायल कराने की मांग की गयी थी.
विधायक ढुलू महतो को हाइकोर्ट से राहत, संपत्ति की जांच वाली याचिका खारिज
प्रार्थी सोमनाथ चटर्जी की ओर से बाघमारा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक ढुलू महतो की संपत्ति की जांच को लेकर दायर याचिका पर खंडपीठ ने सुनवाई की. खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि इस याचिका का अब कोई औचित्य नहीं है. इसके बाद याचिका को खारिज कर दिया. ढुलू महतो की संपत्ति की जांच के लिए सोमनाथ चटर्जी ने याचिका दायर की थी. उन्होंने याचिका में आरोप लगाया था कि ढुलू महतो ने 600 करोड़ से अधिक की अकूत संपत्ति अर्जित की है. पूरे मामले की जांच कराने की मांग की थी. एमपी-एमएलए के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों की सुनवाई से संबंधित सभी याचिकाओं को टैग कर हाइकोर्ट द्वारा एक साथ सुनवाई की जा रही थी.