मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने कोल परियोजना विस्थापित प्रभावित कल्याण समिति की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान पक्ष सुना. इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी. खंडपीठ ने अगली सुनवाई के पूर्व सीसीएल के अधिकारियों को विस्थापितों का सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण पूरा करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 28 जुलाई की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता चंचल जैन ने पैरवी की. पिछली सुनवाई की खंडपीठ ने विस्थापित परिवारों का सामाजिक-आर्थिक सर्वे कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था. इसके लिये राज्य सरकार को आवश्यक अभिलेख मुहैया कराने को कहा था. साथ ही सर्वेक्षण कर उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था. खंडपीठ ने राज्य सरकार से यह भी कहा था कि वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत पात्र व्यक्तियों को वन पट्टा देने की प्रक्रिया शुरू की जाये. जिन व्यक्तियों ने इस बाबत आवेदन किया है, उन्हें निर्णय से पूर्व सुनवाई का अवसर दिया जायेगा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी कोल परियोजना विस्थापित प्रभावित कल्याण समिति की जनहित याचिका में विस्थापितों के भूमि मुआवजे व वन अधिकार अधिनियम के तहत वन पट्टा की मांग की गयी है. यह मामला झारखंड में कोयला परियोजनाओं से प्रभावित हजारों लोगों के अधिकारों से जुड़ा हुआ है.
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