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Political News : आदिवासियों की पहचान खोने नहीं देंगे और सरना धर्म कोड का कॉलम जनगणना में शामिल करायेंगे : कांग्रेस

कांग्रेस के झारखंड प्रभारी के राजू ने कहा है कि सरना धर्म कोड आदिवासियों का मौलिक हक है. इसको सुरक्षित रखने की जिम्मेवारी कांग्रेस पार्टी की है. कांग्रेस लगातार यह मांग कर रही है.

रांची (संवाददाता). कांग्रेस के झारखंड प्रभारी के राजू ने कहा है कि सरना धर्म कोड आदिवासियों का मौलिक हक है. इसको सुरक्षित रखने की जिम्मेवारी कांग्रेस पार्टी की है. कांग्रेस लगातार यह मांग कर रही है. अब हम सड़कों पर उतरे हैं और इसे लेकर बहुत जल्द दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी धरना देंगे. उसके बाद राष्ट्रपति से मिलकर इसे लागू कराने को लेकर आग्रह किया जायेगा. श्री राजू सोमवार को जनगणना में सरना धर्म कोड का कॉलम जोड़ने की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस की ओर से राजभवन के समक्ष आयोजित धरना के मौके पर बोल रहे थे. धरना के बाद पार्टी की ओर से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया. इससे पहले कांग्रेस के कार्यकर्ता आदिवासी पारंपरिक वेशभूषा में कांग्रेस भवन से जुलूस के शक्ल में राजभवन पहुंचे.

धरना को संबोधित करते हुए श्री राजू ने कहा कि जिस प्रकार हमने तीन काले कृषि कानूनों को निरस्त कराया. जातीय जनगणना कैबिनेट से पास कराया और उसका रास्ता खुलवाया, ठीक उसी प्रकार सरना धर्म कोड भी सातवें कॉलम में शामिल करा कर रहेंगे. हम आदिवासियों की पहचान खोने नहीं देंगे. मौके पर एआइसीसी सचिव प्रणव झा ने कहा कि आदिवासी ही हिन्दुस्तान के मूलवासी हैं. ये प्रकृति पूजक हैं. भाजपा हमेशा इनको वनवासी कहा करती है. शुरू से ही इनके साथ भेदभाव करती है.

मौके पर सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि भारत सरकार पशुओं की गणना करती है, लेकिन धार्मिक आधार पर आदिवासियों की गणना कर पहचान नहीं देना चाहती है. आदिवासियों के पाहन, पुजारी व धर्मस्थल को महत्व नहीं देना चाहती. सांसद कालीचरण मुंडा ने कहा कि हमने सरना धर्म कोड देने का वादा किया था और इसे विधानसभा से पारित किया गया. अब हम इसे लेकर ही रहेंगे. कांग्रेस विधायक दल के उप नेता राजेश कच्छप ने कहा कि जातिगत जनगणना की मांग करने पर भाजपा जाति की बात करने वाले को लात देने की बात करती थी. लेकिन, राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस के संघर्ष ने भाजपा सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया. जातिगत जनगणना के पहले आदिवासियों को अलग सरना धर्म कोड आवंटित करना होगा.

धरना का संचालन कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने किया. धरना को सह प्रभारी सिरिवेला प्रसाद, कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, विधायक डॉ रामेश्वर उरांव, नमन विक्सल कोंगाड़ी, भूषण बाड़ा, ममता देवी, राजेश ठाकुर, डॉ प्रदीप बलमुचू, फुरकान अंसारी, सुबोधकांत सहाय, बादल पत्रलेख, केएन त्रिपाठी, केदार पासवान, गुंजन सिंह, जोसाई मार्डी, राजीव रंजन प्रसाद, रवींद्र सिंह, राकेश सिन्हा, सतीष पॉल मुंजनी, संजय लाल पासवान, अभिलाष साहु, राजन वर्मा, जयशंकर पाठक, आलोक कुमार दूबे, डॉ राजेश गुप्ता, लाल किशोर नाथ शाहदेव, गजेंद्र सिंह, डॉ कुमार राजा, डॉ राकेश किरण महतो ने भी संबोधित किया.

आदिवासियों के हक का हो रहा हनन : कमलेश

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि केंद्र आदिवासियों के हक और अधिकार का हनन कर रहा है. एक षड़यंत्र के तहत आदिवासियों के धार्मिक अस्तित्व को मिटाने का प्रयास हो रहा है. सरकार धार्मिक आधार पर उनको पहचान नहीं देना चाहती है. सरना धर्म कोड का प्रस्ताव विधानसभा से पारित किया व केंद्र को भेजा, लेकिन केंद्र सरकार सिर्फ आदिवासियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है.

वक्त आ गया है याचना नहीं, रण हो : किशोर

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि अब वक्त आ गया है, याचना नहीं रण हो और कांग्रेस इसके लिए तैयार है. हम सरना धर्म कोड लेकर रहेंगे. शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि सरना धर्म कोड हमारी पहचान है. केंद्र की सरकार हमारे पाहन, पुजार, धर्म स्थल को महत्व नहीं देना चाहती है. इरफान अंसारी ने कहा कि सरना धर्म कोड संवैधानिक अधिकार है और जब तक केंद्र सरना धर्म कोड नहीं देता, हम आंदोलन करते रहेंगे.

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