राजेश झा (रांची). देश का मातृ उद्योग कहा जानेवाला हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन लि (एचइसी) अपने इतिहास के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. खराब आर्थिक स्थिति और समय पर कार्यादेश पूरा नहीं होने का असर अब साफ दिखने लगा है. कर्मियों का 21 माह का वेतन बकाया है और उत्पादन छह माह से लगभग ठप पड़ा है. कंपनी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि तीनों प्लांट व प्रोजेक्ट डिविजन को मिलाकर उत्पादन का आंकड़ा अभी तैयार नहीं हुआ है, लेकिन कंपनी सबसे खराब दौर में है. उत्पादन लगभग 20 से 25 करोड़ रुपये तक होने की संभावना है. जो इससे पहले इतना कम कभी नहीं हुआ है. एचइसी को वित्तीय वर्ष 2023-24 में महज 24.83 करोड़ रुपये का ही कार्यादेश मिला है. जबकि, प्रबंधन ने 215 करोड़ रुपये का कार्यादेश प्राप्त करने का लक्ष्य तय किया था. उक्त अधिकारी ने बताया कि भारी उद्योग मंत्रालय ने एचइसी प्रबंधन से वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्पाद, कैश कलेक्शन, कार्यादेश को लेकर जानकारी मांगी है. सबसे खराब स्थिति प्रोजेक्ट डिविजन और एचएमटीपी की है, जिसे वित्तीय वर्ष में एक रुपये का भी कार्यादेश नहीं मिला है. वहीं, एचएमबीपी को 20.86 करोड़ रुपये और एफएफपी को 3.97 करोड़ रुपये का कार्यादेश मिला. अधिकारी ने बताया कि कार्यादेश समय पर पूरा नहीं करने, नेटवर्थ नेगेटिव होने के कारण एचइसी निविदा में भाग ही नहीं ले पा रहा है. वहीं, एनसीएल द्वारा समय पर कार्यादेश पूरा नहीं करने के कारण कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है. जबकि, एनसीएल से एचइसी को बड़ा कार्यादेश मिल सकता था. वहीं, प्रबंधन ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में महज 177 करोड़ रुपये की वसूली विभिन्न कंपनियों से की है.
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एचइसी सबसे खराब दौर में, मात्र 24.83 करोड़ का कार्यादेश मिला
देश का मातृ उद्योग कहा जानेवाला हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन लि (एचइसी) अपने इतिहास के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. खराब आर्थिक स्थिति और समय पर कार्यादेश पूरा नहीं होने का असर अब साफ दिखने लगा है.
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