: गृह विभाग के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय ने लिखा सभी एसपी को पत्र रांची . राज्य के किसी जिले में अगर पंचायत प्रतिनिधि के इलाके में अफीम की खेती होती है और उनके द्वारा इस बात की सूचना पुलिस को नहीं दी जाती है, तब ऐसे में पंचायत प्रतिनिधियों के खिलाफ अब कार्रवाई होगी. गृह विभाग के निर्देश पर इससे संबंधित आदेश पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी के लिए जारी कर दिया है. अफीम की खेती को लेकर गृह सचिव द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला- खरसावां, हजारीबाग, चतरा, लातेहार और पलामू में अफीम की सर्वाधिक खेती होती है. जनवरी, फरवरी और मार्च माह में अफीम का पौधा अपने मूल स्वरूप में आ जाता है. अफीम की खेती न केवल समाज के लिए हानिकारक है, बल्कि देश की सुरक्षा व राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करता है. वर्तमान में अफीम की खेती रोकने और इसे नष्ट करने के लिए पुलिस, वन विभाग एवं अन्य सरकारी मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है. इस कार्य में पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग प्राप्त होने से अफीम की खेती को रोकने और इसे नष्ट करने में प्रभावी सफलता हासिल की जा सकती है, इसलिए इसकी जिम्मेवारी पंचायत प्रतिनिधियों को भी दी गयी है. यदि पंचायत प्रतिनिधि अफीम की खेती रोक नहीं पाये, तो वे खेती की सूचना डीसी, एसपी, प्रखंड या अंचल कार्यालय को दें. पंचायत प्रतिनिधियों के क्षेत्र में अफीम की खेती पाये जाने तथा इसकी सूचना नहीं देने की स्थिति में उनके खिलाफ कार्रवाई करने की पहलु पर विचार करें. गृह विभाग के इस निर्देश पर पुलिस मुख्यालय ने कार्रवाई करने से संबंधित निर्देश जारी कर दिया है.
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