रांची (विशेष संवाददाता). रांची विश्वविद्यालय अंतर्गत मौलाना आजाद कॉलेज का संचालन करने के लिए अंजुमन इस्लामिया अब हायर मुस्लिम एजुकेशनल सोसाइटी का गठन करेगी. साथ ही कॉलेज के शासी निकाय के सचिव और गार्जियन प्रतिनिधि का भी चयन किया जायेगा. इसके लिए रांची विवि ने अंजुमन इस्लामिया को अधिकृत किया है.
रांची विवि के कुलसचिव की ओर से अंजुमन इस्लामिया और मौलाना आजाद कॉलेज के अध्यक्ष को गुरुवार को पत्र भेजा गया है. अंजुमन इस्लामिया के उपाध्यक्ष मो नौशाद और महासचिव डॉ तारिक हुसैन ने बताया कि विवि की ओर से अंजुमन को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि मौलाना आजाद कॉलेज के शासी निकाय के सचिव और गार्जियन नियुक्ति अवैध तरीके से की गयी थी, इसलिए अंजुमन इस्लामिया सचिव और गार्जियन प्रतिनिधि की नियुक्ति कर विवि को इसकी जानकारी दें.इधर उपाध्यक्ष और महासचिव ने बताया कि आरयू के आदेश पर अमल करने के लिए जल्द ही अंजुमन की बैठक बुलायी जायेगी. बैठक में अंजुमन का कार्यकारिणी सदस्यों को इसकी जानकारी देकर सोसाइटी के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.
शासी निकाय को नियुक्ति व नीतिगत निर्णय लेने पर रोक
विवि द्वारा भेजे गये पत्र में यह भी कहा गया है कि अंजुमन की जांच समिति की ओर से समर्पित की गयी रिपोर्ट में कॉलेज के शासी निकाय को अवैध ठहराया गया है. इस आधार पर विवि की जांच समिति ने कागजात का अवलोकन करने के बाद पाया कि सोसाइटी के गठन में विवि की कोई भूमिका नहीं है. यह अंजुमन इस्लामिया का मामला है. विवि ने यह निर्देश दिया है कि अंजुमन इस्लामिया द्वारा निर्णय लिये जाने तक एवं इसकी विधिवत सूचना विवि को दिये जाने तक मौजूदा शासी निकाय सिर्फ रूटिन कार्य ही करेगा. मौजूदा शासी निकाय किसी प्रकार की नियुक्ति, नीतिगत निर्णय, निर्माण कार्य नहीं कर सकता है. मालूम हो कि विवि के निर्देश पर ही फरवरी 2025 में अंजुमन इस्लामिया ने छह सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था. समिति में कॉलेज के संयोजक शाहीन अहमद, अंजुमन के सदस्य शाहिद अख्तर, अयूब राजा खान, मो नकीब, नूर आलम, जावेद अख्तर को शामिल किया गया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है