::: कोल वाशरियों के दूषित जल को नदियों में बहाने का मामला:::: रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने कोल वाशरियों का प्रदूषित जल नदियों में बहाये जाने के मामले में स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चाैहान व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान स्टेट एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी (सिया) के सदस्य सचिव को मामले में प्रतिवादी बनाया तथा नोटिस जारी किया. सदस्य सचिव की ओर से अधिवक्ता भानु कुमार ने नोटिस प्राप्त किया. इस मामले में खंडपीठ ने अन्य प्रतिवादियों सीसीएल पिपरवार, झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, मेसर्स मोनिट डेनियलस कोल वाशरीज प्रालि आदि को भी शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया. इससे पूर्व मेसर्स मोनिट डेनियलस कोल वाशरी प्रालि की ओर से उन पर लगाये गये आरोपों पर शपथ पत्र दायर करने की अनुमति खंडपीठ से मांगी गयी, जिसे स्वीकार कर लिया गया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 11 दिसंबर की तिथि निर्धारित की. उल्लेखनीय है कि खलारी के आरटीआइ कार्यकर्ता मनोज कुमार के पत्र के आलोक में हाइकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. पत्र में कहा गया है कि झारखंड की नदियों में कोल वाशरियों का गंदा पानी बहाया जा रहा है, जिससे नदी का पानी प्रदूषित हो गया है.
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