रांची. एचइसी के सप्लाई कर्मियों ने शुक्रवार को चौथे दिन भी आउटसोर्सिंग एजेंसी का विरोध जारी रखा, जिससे उत्पादन प्रभारी रहा. इस बीच ‘सप्लाई संघर्ष समिति’ का एक प्रतिनिधिमंडल रंथू लोहरा के नेतृत्व में निदेशक उत्पादन बीएस गर्ग से मिला. उनके साथ सकारात्मक वार्ता हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. वहीं, प्रतिनिधमंडल ने साफ कह दिया कि जब तक उनकी मांगों पर आम सहमति नहीं बनेगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगी.
इससे पहले वार्ता के दौरान समिति की ओर से रंथू लोहरा ने सप्लाई कर्मियों को पूर्व में मिल रही सुविधाओं को जारी रखने की मांग उठायी. इस पर निदेशक उत्पादन ने कहा : एचइसी देश का पहला सार्वजनिक प्रतिष्ठान है, जहां सप्लाई कर्मियों की तादाद स्थाई कर्मियों से अधिक है. सप्लाई कर्मी कंपनी का परिवार हैं और हमेशा रहेंगे. उनका भविष्य उज्ज्वल बनाये रखने का पूरा प्रयास करेंगे. आनेवाले समय में कंपनी अधिक से अधिक वर्क ऑर्डर लेने का प्रयास करेगी. फिलहाल उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है. इस पर समिति के सदस्यों ने कहा कि सप्लाई कर्मी उत्पादन की रीढ़ हैं. छह महीनों से कंपनी की साफ-सफाई और उत्पादन से लेकर सुरक्षा तक कर रहे हैं. बिना इएसआइ की सुविधा दिये प्रबंधन ने पांच महीनों तक सप्लाई कर्मियों से काम लिया. उस दौरान बीमारी में सप्लाई कर्मियों को भारी परेशानी हुई. लगभग 10 कर्मियों की मौत भी हो गयी. जहां वेतन और सुविधाएं बढ़ाने की बात होनी चाहिए, वहां कटौती की बात हो रही है. यह सरासर गलत है.प्रबंधन को देना होगा पांच महीने का वेतन
वार्ता के दौरान समिति ने मांग रखी कि प्रबंधन को हर हाल में सितंबर 2023 से जनवरी 2024 तक का वेतन देना होगा, सप्लाई कर्मियों का पीएफ एचइसी प्रबंधन डालेगा, सप्लाई कर्मियों का मुख्य नियोक्ता एचइसी है और एचइसी रहेगा. इन सभी मांगों के निदान के लिए निदेशक कार्मिक व निदेशक उत्पादन बैठक कर मसौदा बनाएं और सप्लाई कर्मियों को विश्वास लें. इस पर निदेशक उत्पादन ने कहा : निदेशक कार्मिक आज नहीं हैं. हमारा प्रयास होगा की बैठ कर समस्याओं का निदान निकाला जाये. वार्ता करने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में मनोज पाठक, मोईन अंसारी, ओवैसी, आजाद, प्रमोद कुमार, वाइ त्रिपाठी, अमरेंद्र कुमार भी शामिल थे.सप्लाई मजदूरों को बदनाम करने की साजिश हो रही
हटिया कामगार यूनियन के उपाध्यक्ष लालदेव सिंह ने कहा कि एचइसी के सप्लाई कर्मी पिछले 20-25 साल से स्थायी प्रवृति पर काम कर रहे हैं. वे कोई नयी मांग नहीं कर रहे, बल्कि पहले से मिलनेवाली सुविधाएं लागू करने को कह रहे हैं. वहीं, इस बार आउटसोर्सिंग एजेंसी ठेका मजदूरों से कई प्रकार का अंडरटेकिंग मांग रही है. कहा जा रहा है कि ठेका मजदूरों को रविवार का वेतन और साल की सात छुट्टियां नहीं मिलेंगी. ठेकेदार को जब मन होगा, वह काम से हटा देगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

