रांची. झारखंड के 25 वर्ष पूरे होने पर झारखंड स्थापना दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. यहां आकर हमेशा खुशी होती है. यहां का लोक संगीत मैं बचपन से सुनती आ रही हूं. मुंबई में रहूं या कहीं बाहर, जब भी यहां के लोगों से मिलती हूं, तो यहां की समृद्ध गीत-संगीत की परंपरा पर चर्चा होती है. यदि कभी मौका मिला, तो मैं जरूर झारखंड के फोक म्यूजिक पर काम करना चाहूंगी. यह बातें जमशेदपुर में पली-बढ़ी देश की प्रसिद्ध प्लेबैक सिंगर शिल्पा राव ने कहीं. वे झारखंड स्थापना दिवस समारोह में परफॉर्म करने के लिए रांची पहुंची थीं. इस दौरान उन्होंने प्रभात खबर से खास बातचीत की.
कलाकारों को खुद आगे आना होगा
शिल्पा राव ने कहा कि झारखंड के गीत-संगीत को बढ़ावा देने के लिए यहां के कलाकारों को स्वयं आगे आना होगा. एक स्पष्ट विजन के साथ कड़ी मेहनत करनी होगी. राज्य के कई लोग अलग-अलग क्षेत्रों में काम करते हुए देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं, जो उनकी मेहनत का परिणाम है. लोग लोकगीत और लोकसंगीत पसंद करते हैं, इसलिए यहां के कलाकारों को स्वयं पहल कर अपनी जगह बनानी होगी.
सिर्फ फेम के लिए नहीं, म्यूजिक से प्यार है तो ही आगे आयें
उन्होंने कहा कि यदि कोई म्यूजिक इंडस्ट्री में काम करना या पहचान बनाना चाहता है, तो उसे संगीत सीखना होगा. केवल मोटिवेशन से काम नहीं चलेगा. कड़ी मेहनत जरूरी है. संगीत से प्यार होना चाहिए. सिर्फ प्रसिद्धि के लिए संगीत को न चुनें. अगर संगीत से प्रेम है, तभी इस क्षेत्र में आगे बढ़ें.
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