Hand Pump Repair: रांची-झारखंड के योजना एवं विकास मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने पेयजल संकट के निबटने के लिए बंद पड़े चापाकलों की मरम्मत को लेकर 259 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है. राज्य के अतिसंवेदनशील गिरिडीह जिले के लिए 15 करोड़ 70 लाख रुपए, पलामू जिले के लिए 14 करोड़ 7 लाख रुपए और गढ़वा जिले के लिए 12 करोड़ 5 लाख रुपए की स्वीकृति दी गयी है. झारखंड में कुल 74,500 चापाकल खराब हैं. सभी जिलों के डीसी को तेजी से खराब चापाकलों को मरम्मत करने का निर्देश दिया गया है.
चापाकलों की मरम्मत के लिए 259 करोड़ की स्वीकृति
झारखंड के योजना एवं विकास मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने जानकारी देते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में योजना एवं विकास विभाग द्वारा झारखंड के विभिन्न जिलों के लिए 259 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गयी है. राज्य के सामान्य क्षेत्र तथा जनजातीय क्षेत्रीय उपयोजना के लिए कुल 259 करोड़ की स्वीकृति दी गयी है. जिला योजना अनाबद्ध की राशि से पूर्व की स्वीकृत योजनाओं में दायित्वों का भुगतान करने तथा शेष बची राशि से जिलों के महत्वपूर्ण अन्तराल (Critical Gap) की योजनाओं पर व्यय करने का निर्देश दिया गया है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिला योजना अनाबद्ध की राशि से ली जाने वाली योजनाओं का अनुश्रवण संबंधित जिलों के उपायुक्त को जिला योजना पदाधिकारी के माध्यम से सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.
पिछले दिनों हुई बैठक में लिया गया था निर्णय
मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि झारखंड में व्याप्त पेयजल संकट को देखते हुए तत्काल अनाबद्ध की राशि से विभिन्न कारणों से खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत कराने पर नीतिगत फैसला लेने के लिए 02 मई 2025 को एक विभागीय बैठक की गई थी. बैठक में योजना विभाग के सचिव मुकेश कुमार, अपर सचिव गरिमा सिंह तथा अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे. इसमें योजना एवं विकास मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बंद पड़े चापाकलों की मरम्मत युद्धस्तर पर कराने का निर्देश दिया था.
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सभी जिलों के डीसी को चापाकलों की मरम्मत का निर्देश
मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की सूचना के अनुसार 01 अप्रैल 2025 तक विभिन्न कारणों से बंद पड़े चापाकलों की संख्या लगभग 74,500 है. सभी जिलों के उपायुक्त युद्धस्तर पर उन्हें उपलब्ध अनाबद्ध की राशि से बंद पड़े चापाकलों की मरम्मत कराएं, ताकि पेयजल संकट को दूर किया जा सके.
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