रांची.
कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत आये फंड का कहां और कैसे इस्तेमाल हो रहा है, राज्य सरकार को इसकी जानकारी तक नहीं दी जाती है. इस फंड का इस्तेमाल सोशल डेवलपमेंट के लिए होना चाहिए, पर होता कुछ और है. जल्द ही राज्य सरकार इसको लेकर नीति बनाने जा रही है. ताकि, इस फंड का इस्तेमाल वहीं हो, जहां राज्य सरकार चाहती है कि विकास हो. उक्त बातें झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कही. वह शनिवार को होटल रेडिसन ब्लू में पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित चौथा झारखंड माइनिंग समिट को संबोधित कर रहे थे.जीएसटी में छूट से झारखंड को 2000 करोड़ का नुकसान
श्री किशोर ने बताया कि आनेवाले दिनों में जीएसटी में छूट लागू होने से झारखंड को लगभग दो हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि पनीर व बटर में छूट दी जा रही है. झारखंड के 78 प्रतिशत लोग नहीं जानते हैं कि पनीर क्या होता है.मिनरल से केवल 10 हजार करोड़ आता है राजस्व
श्री किशोर ने कहा कि झारखंड में देश का 40 प्रतिशत मिनरल रिजर्व है. पर झारखंड की 59% महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं और पांच प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं. राजस्व भी केवल 10 हजार करोड़ का आता है. जबकि, ओडिशा में झारखंड से कम मिनरल है, पर वहां 50 हजार करोड़ से अधिक राजस्व आता है.कोयला और बालू का हो रहा अवैध खनन
मंत्री ने स्वीकार किया कि झारखंड में कोयला और बालू का अवैध खनन हो रहा है. कोल कंपनियों को देखना होगा कि आखिर जितनी निकासी होती है, उससे अधिक परिवहन कैसे हो रहा है. उन्होंने आयोजकों से कहा कि पिछले तीन समिट में क्या संकल्प पारित हुआ है और उस पर क्या कार्रवाई हुई है, इसकी भी जानकारी दी जानी चाहिए.खनन झारखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ : संजीव शेखर
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित अदाणी पावर के हेड कॉरपोरेट अफेयर्स (झारखंड) संजीव शेखर ने कहा कि खनन झारखंड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. लेकिन, अब इसे जिम्मेदारी के साथ संतुलित करना होगा. दुनिया हमसे स्वच्छ, सुरक्षित और समावेशी खनन की मांग कर रही है. ऐसे में पुरानी खनन पद्धतियों को जारी नहीं रखा जा सकता है. सतत खनन का मतलब है- धरती को स्वस्थ रखना, समुदायों को खुशहाल बनाना और व्यापार को लाभकारी बनाये रखना. एआइ, आइओटी, ड्रोन और डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीकों की उपयोग दक्षता बढ़ाने, उत्सर्जन कम करने और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए काम करना जरूरी है. पीएचडी सीसीआइ के चेयरमैन डॉ संजय कुमार ने खनन में तकनीकी उन्नयन और नवाचारों के महत्व पर जोर दिया. मौके पर साईं नाथ यूनिवर्सिटी के एसपी अग्रवाल, एपीसीसीएफ रवि रंजन, मेकन के प्रद्युम्न कुमार आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

