Good News For Jharkhand: झारखंड के लोगों के लिए खुशखबरी है. कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने झारखंड में 2 नयी कोयला खदानें शुरू करने का फैसला किया है. इसका फायदा काफी लोगों को मिलेगा. सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा. आसपास के इलाकों का विकास होगा. कोल इंडिया की इकाई सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) ने चालू वित्त वर्ष में 2 नयी कोयला खदानों से उत्पादन शुरू करने की योजना बनायी है. कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इससे कंपनी की उत्पादन क्षमता में सालाना एक से 1.2 करोड़ टन की बढ़ोतरी होगी.
11 करोड़ टन उत्पादन है सीसीएल का लक्ष्य
अधिकारी ने बताया कि यह कदम महत्वपूर्ण है, क्योंकि सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष में 11 करोड़ टन और वर्ष 2030 तक 15 करोड़ टन उत्पादन के आंकड़े को पार करना है. सीसीएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) नीलेंदु कुमार सिंह ने यहां कहा, ‘हमने इस साल 2 नयी खदानें खोलने की योजना बनायी है.’
कोटरे बसंतपुर ब्लॉक और चंद्रगुप्त खान परियोजना में शुरू होगा खनन
कंपनी की योजना अक्तूबर तक 50 लाख टन (एमटी) की अधिकतम क्षमता वाले कोटरे बसंतपुर ब्लॉक (कोकिंग कोयला खान) में उत्पादन शुरू करने की है. वहीं, 1.5 करोड़ टन सालाना क्षमता की खुली चंद्रगुप्त खान परियोजना (गैर-कोकिंग कोयला) के मामले में उत्पादन मार्च, 2026 तक शुरू होने की उम्मीद है.
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2024-25 में सीसीएल का सर्वाधिक 8.75 करोड़ टन उत्पादन
कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 में 8.75 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया. यह सीसीएल का अब तक का सबसे अधिक सालाना उत्पादन है. नीलेंदु कुमार सिंह ने कहा कि सीसीएल को वर्ष 2030 तक 15 करोड़ टन उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने के लिए अभी से तैयारी शुरू करने की जरूरत है.
झारखंड के 8 जिलों में सीसीएल की 38 खदानें
उन्होंने कहा कि कंपनी 15 करोड़ टन के उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने के लिए मौजूदा खदानों की क्षमता बढ़ाने और नयी खदानों में उत्पादन शुरू करने का काम तेजी से करने पर ध्यान देगी. सीसीएल फिलहाल झारखंड के 8 जिलों में 35 खुली खदानों और 3 भूमिगत खानों का परिचालन करती है.

