रांची.
भाकपा माले ने केंद्र सरकार पर झारखंड में रेयर अर्थ मिनरल्स के खनन में दिलचस्पी नहीं लेने का आरोप लगाया है. पार्टी ने कहा कि गिरिडीह-कोडरमा इलाके में लिथियम खनन का भंडार होने की संभावना होने के बावजूद केंद्र सरकार इसके उत्खनन और शोध के प्रति गंभीर नहीं है. झारखंड सरकार लंबित ढिबरा नीति-2023 को जमीन पर उतार कर उक्त जिलों में रोजगार की बड़ी संभावना उत्पन्न कर सकती है. पार्टी ने कहा कि अभ्रक बहुल क्षेत्रों में विकास के लिए हेमंत सरकार को गिरिडीह-कोडरमा औद्योगिक निगम का गठन करना चाहिए. राज्य सचिव मनोज भक्त ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी उस क्षेत्र की सांसद होने बावजूद ढिबरा पर आश्रित आबादी की कभी सुध नहीं ली हैं. केंद्र सरकार ने गिरिडीह-कोडरमा के ढिबरा में लिथियम की मात्रा व्यवसायिक-जरूरत के अनुरूप है या नहीं. ढिबरा खनन को कानूनी रूप दिये बगैर ढिबरा पर आश्रित पांच लाख से अधिक आबादी को शोषण और स्वास्थ्य संकट से बचाया नहीं जा सकता है.उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी उस क्षेत्र की सांसद होने बावजूद ढिबरा पर आश्रित आबादी की कभी सुध नहीं ली हैं और न ही इस दिशा में केंद्र सरकार पर कोई दबाव बना पायी हैं. पिछले दिनों एक केंद्रीय मंत्री ने कोडरमा में लिथियम ब्लाॅक आबंटित करने की केंद्र सरकार की योजना की बात कही थी. सच्चाई यह है कि कश्मीर समेत अन्य राज्यों में बहुत समय पहले की इस तरह की परियोजनाएं अभी भी कागजी बनी हुई हैं. इस मामले में मोदी सरकार को वास्तविकता सामने लाना चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

