प्रतिनिधि, खलारी.
एनके एरिया क्षेत्र के करकट्टा स्थित बंद केडीएच पैच के कोयला खदान में पिछले पांच वर्षों से आग धधक रही है. खदान में लगी आग तेजी से धरती को फाड़ते हुए आबादी की ओर बढ़ रही है. परंतु न तो सीसीएल प्रबंधन और न ही प्रशासन की ओर से आजतक आग बुझाने की कोई कवायद की गयी है. प्रबंधन ने ग्रामीणों को भी विस्थापित नहीं किया है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018-19 में करकट्टा में केडीएच पैच खदान खुली. वहां 12 से 13 माह खनन चलने के बाद जमीन क्लीयरेंस नहीं होने के कारण खदान बंद हो गयी. खदान बंद होने व फेस खुला होने के कारण आग पकड़ ली. वर्ष 2022 फरवरी माह में करकट्टा खदान में लगी आग भयावह रूप ले लिया था. जिसे लेकर पूर्व में सांसद डाॅ महुआ माजी के सदन में आवाज उठाने के बाद सीसीएल प्रबंधन और राज्य सरकार के उच्च पदाधिकारी हालात का जायजा लिये. बावजूद सीसीएल प्रबंधन और प्रशासन खदान की आग को बुझाने को लेकर कोई पहल नहीं कर रहा है. ऐसे में वर्षों से लोग प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. जानकर बताते हैं कि आग का दायरा करीब दो किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में फैली है. आग की लपटें कोयले की सिम (चट्टानों) सहित पेड़ पौधे को तेजी से राख में तब्दील कर रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक इन सभी खतरनाक स्थानों से आबादी को पूरी तरह हटाकर सुरक्षित जगह नहीं बसाया जाता है, तब तक ऐसे बंद खदानें स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ा खतरा बन गयी हैं.विस्तारीकरण के नाम पर प्रबंधन का सिर्फ आश्वासन :
मामलों को लेकर झामुमो नेता करकट्टा निवासी अनिल कुमार पासवान ने कहा कि खदान विस्तारीकरण के नाम पर प्रबंधन लोगों को विस्थापित करने का आश्वासन देता रहता है. लेकिन कोई सार्थक पहल नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि खदान में लगी आग से करकट्टा तथा खिलानधौड़ा आवासीय क्षेत्र कभी भी जमींदोज हो सकता है. श्री पासवान ने कहा कि विस्थापन नीति से खाली नहीं कराया गया तो एक बड़ी आबादी काल के गाल में समा सकती है.06 खलारी04:- करकट्टा स्थित बंद केडीएच खदान से निकल रहा धुआं.B
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