रांची. जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के नागपुरी के प्राध्यापक डॉ बीरेंद्र कुमार महतो को डॉ भीमराव आंबेडकर राष्ट्र गौरव सम्मान प्रदान किया गया है. यह सम्मान नागपुरी भाषा और कठपुतली कला के संरक्षण के लिए दिया गया. उन्हें यह सम्मान आगरा की संस्था बृजलोक साहित्य कला संस्कृति अकादमी ने प्रदान किया. सम्मान के तहत डॉ बीरेंद्र को मेडल प्रशस्ति पत्र और अंग वस्त्र प्रदान किये गये.
कठपुतली कला को संरक्षित करने का कर रहे हैं काम
डॉ बीरेंद्र नागपुरी के शिक्षक भी हैं और साहित्यकार भी. इसके अलावा वह पिछले 25 सालों से झारखंड के आदिवासी इलाके की कठपुतली कला चदर-बदर को भी संरक्षित करने का काम कर रहे हैं. डॉ बीरेंद्र ने कठपुतली कला के 550 से अधिक कार्यक्रम किये हैं. ये सभी कार्यक्रम जन जागरूकता से संबंधित थे. इसके अलावा उन्होंने राज्य के 250 से अधिक लोगों को कठपुतली कला का प्रशिक्षण भी दिया है. डॉ बीरेंद्र ने बताया कि पहले जगन्नाथपुर मेला, मुडमा, नागफेनी और रामरेखा मेला में कठपुतली कला का प्रदर्शन होता था. लेकिन अब यह कला लुप्त होने की स्थिति में है. इस कला से जुड़े कलाकारों को प्रोत्साहन नहीं मिलने और सरकारी उदासीनता की वजह से कठपुतली कला पर संकट गहरा रहा है.
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