रांची. दिगंबर जैन मुनि समता सागर महाराज, पवित्र सागर महाराज, ऐलक निश्चय सागर महाराज, ऐलक निजानंद सागर महाराज और क्षुल्लक संयम सागर महाराज ने सोमवार को रांची प्रवास के दौरान प्रवचन सभा में श्रद्धालुओं को जीवन के महत्वपूर्ण संदेश दिये. मुनिश्री ने गांधीजी के तीन बंदरों के प्रतीक के माध्यम से भक्तों को सरल भाषा में जीवन का सिद्धांत समझाया. उन्होंने कहा : बुरा मत सोचो, बुरा मत देखो और बुरा मत बोलो. इन सिद्धांतों को अपनाने से व्यक्ति का जीवन सुखमय हो सकता है. लेकिन इसके भी ऊपर सबसे जरूरी है : बुरा मत सोचो. यदि मन में बुरे विचार ही नहीं आयेंगे तो न बुरा बोलेंगे, न बुरा देखेंगे और न बुरा सुनेंगे.
देश की उन्नति के लिए तीन सूत्र
महाराज श्री ने प्रवचन में एक कथा के जरिए बताया कि जब एक राजा ने संत से पूछा कि देश की उन्नति के लिए तीन मुख्य बातें क्या हैं? तो संत ने कहा: धर्मायतनों की रक्षा और निर्माण, धर्मग्रंथों का संरक्षण व प्रचार-प्रसार और जागरूक नागरिकों का निर्माण. महाराज श्री ने कहा : जागरूक नागरिक ही किसी देश की प्रगति के सबसे बड़े स्तंभ होते हैं. प्रवचन सभा में गुणायतन सम्मेद शिखरजी के अध्यक्ष और पदाधिकारी भी पहुंचे और उन्होंने महाराज श्री से आगामी चातुर्मास गुणायतन में करने का निवेदन किया. इस पर महाराज श्री ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि हमारा मार्ग चाहे जो भी हो, एक दिन गुणायतन अवश्य पहुंचेंगे. उन्होंने आगे के कार्यक्रमों की जानकारी समय-समय पर देने की बात कही.विश्व शांति के लिए शांति विधान आज
मुनिश्री समता सागर और पवित्र सागर महाराज के सानिध्य में मंगलवार सुबह 6:30 बजे दिगंबर जैन मंदिर भवन, अपर बाजार में विश्व शांति की कामना के लिए शांति विधान का आयोजन होगा. भक्तों से इस आयोजन में शामिल होने की अपील की गयी है. इस अवसर पर जैन समाज के पूर्व अध्यक्ष पूरणमल सेठी, नरेंद्र पांड्या, छीतरमल गंगवाल, नरेंद्र गंगवाल, मनोज काला, सुभाष विनायक्या, अजीत काला, प्रमोद झांझरी, प्रदीप बाकलीवाल, जितेंद्र छाबड़ा आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है