रांची. आदिवासी छात्र संघ ने रांची विश्वविद्यालय के कुलसचिव को ज्ञापन सौंपकर कुड़ुख भाषा की तोलोंग सिकी लिपि को विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की है. संघ के केंद्रीय अध्यक्ष सुशील उरांव ने कहा कि तोलोंग सिकी लिपि हमारी सांस्कृतिक, भाषाई और पहचान से गहराई से जुड़ी है. इसे विश्वविद्यालय स्तर के पाठ्यक्रम में शामिल करना आवश्यक है. इससे न केवल भाषा संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आदिवासी छात्रों को अपने मातृभाषा में ज्ञान को शैक्षणिक रूप से आगे बढ़ाने का अवसर भी प्राप्त होगा. सुशील उरांव ने कहा कि कुछ लोग तोलोंग सिकी लिपि को पाठयक्रम में शामिल करने के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं. संघ विरोध करनेवालों को कड़ा जवाब देगा. यह लिपि व्यक्तिगत नहीं, बल्कि समाज की है, और इसका विरोध करने वाले किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने दिया जायेगा. सुशील उरांव ने कहा कि हम अपनी सांस्कृतिक और भाषाई विरासत की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठायेंगे. संघ के जिला अध्यक्ष राजू उरांव ने कहा कि हम सभी विश्वविद्यालयों में तोलोंग सिकी लिपि को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए प्रयासरत हैं. आज ज्ञापन सौंपने वालों में संघ के विवेक तिर्की, संदीप उरांव, बीरेंद्र मुंडा सहित अन्य छात्र उपस्थित थे.
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