प्रतिनिधि, डकरा.
एनके एरिया में 70 बाॅयो टाॅयलेट बनाने की जानकारी पिछले दिनों कल्याण समिति की बैठक में प्रबंधन ने दी. इसके लिए प्राक्कलन बनाने के लिए असैनिक विभाग को कहा गया है. लेकिन किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि बॉयो टाॅयलेट कहां बनायी जाये और इसके लिए किसकी सहमति ली जाये. ज्ञात हो कि विगत पांच साल पहले डकरा अस्पताल में दो बाॅयो टाॅयलेट बनाये गये. लेकिन वे उपयोगविहीन हैं. अस्पताल के गेट के पास बायो टॉयलेट होने से उसे हटाने की भी मांग समय-समय पर होती रहती है. सलाहकार समिति सदस्य सुनील कुमार सिंह, गोल्टेन प्रसाद यादव, शैलेश कुमार, कल्याण समिति सदस्य कृष्णा चौहान जैसे श्रमिक नेताओं ने कहा है कि जहां जरूरत है, वहां तर्कों से साबित कर प्रबंधन बॉयो टाॅयलेट बनाये तो स्वागत किया जायेगा. लेकिन सिर्फ पैसों की बर्बादी के लिए बनाया जायेगा तो उसकी सहमति नहीं दी जायेगी. बताया गया कि चूरी भूमिगत कोयला खदान के भीतर बॉयो टाॅयलेट उपयोगी साबित हो सकता है, लेकिन अन्य जगहों पर वही हाल होगा जो डकरा अस्पताल में हुआ है. इस संबंध में असैनिक विभाग प्रमुख सुमन कुमार से जब पूछा गया कि बाॅयो टाॅयलेट निर्माण के पीछे की सोंच क्या है तो उन्होंने कहा कि पूरे सीसीएल के सभी क्षेत्रों में इसे बनाना है. एनके एरिया में 70 टाॅयलेट बनाने का निर्देश मुख्यालय से मिला है.प्रबंधन जांच कर कार्रवाई करें :
सलाहकार समिति सदस्य सुनील कुमार सिंह ने कहा है कि एनके एरिया में मजदूर, कर्मचारी और अधिकारी सभी असैनिक विभाग के कार्यशैली से त्रस्त हैं. क्वार्टर, काॅलोनी, सड़क सबकी हालत नारकीय है. प्रबंधन समय रहते 21 करोड़ रुपये की लागत से चल रहे एनुअल मेंटेनेंस के काम की जांच कर उचित कार्रवाई करे, नहीं तो आने वाले समय में व्यवस्था संभालना सभी के लिए मुश्किल हो सकता है.22 डकरा 03,04, डकरा अस्पताल में बना उपयोग विहीन बाॅयो टाॅयलेट.
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