रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने शराब दुकानों में मैन पावर आपूर्ति करनेवाली कई कंपनियों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान प्रार्थी और राज्य सरकार का पक्ष सुना. सुनवाई पूरी होने के बाद खंडपीठ ने याचिका को स्वीकार करते हुए उत्पाद विभाग की डिमांड नोटिस को निरस्त कर दिया. साथ ही खंडपीठ ने उत्पाद आयुक्त को दो सप्ताह के भीतर नये सिरे से प्रार्थी कंपनियों को नोटिस देने को कहा. इस पर प्रार्थी अपना जवाब दाखिल करेंगे, जिस पर उत्पाद आयुक्त रीजन ऑर्डर पारित करेंगे. तब तक बैंक गारटी जिंदा रहेगी. खंडपीठ ने उक्त आदेश देते हुए याचिका को निष्पादित कर दिया.
बिना कोई सूचना दिये विभाग ने दिया आदेश
इससे पूर्व प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने पक्ष रखा. उन्होंने बताया कि बिना कोई सूचना दिये विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है. बकाया राशि का भुगतान नहीं करने पर बैंक गांरटी को जब्त कर लेने की बात कही गयी है. उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया है. यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है. उन्होंने उत्पाद विभाग के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया.ज्ञात हो कि प्रार्थी मेसर्स आरके एंड कंपनी मैनपावर प्रालि, जेएमडी सर्विसेज, फ्रंटलाइन बिजनेस और वेबेल टेक्नोलॉजी लिमिटेड की ओर से याचिका दायर की गयी थी.
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