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Plasma Therapy at RIMS : रांची में भी प्लाज्मा थेरेपी से होगा Covid19 का इलाज, हेमंत सोरेन करेंगे शुभारंभ

Jharkhand News, Ranchi News, Plasma Therapy in Jharkhand, Plasma Therapy in Ranchi, Plasma Therapy at RIMS, Covid19 in Jharkhand: रांची : झारखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने एक अच्छी खबर दी है. उन्होंने बताया है कि इस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए दिल्ली की तरह झारखंड की राजधानी रांची में भी प्लाज्मा थेरेपी के जरिये कोरोना पॉजिटिव लोगों का इलाज शुरू होने जा रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंगलवार (28 जुलाई, 2020) को राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में इसका उद्घाटन करेंगे. स्वास्थ्य मंत्री ने शुक्रवार (24 जुलाई, 2020) को ट्वीट करके यह जानकारी दी.

रांची : झारखंड में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने एक अच्छी खबर दी है. उन्होंने बताया है कि इस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए दिल्ली की तरह झारखंड की राजधानी रांची में भी प्लाज्मा थेरेपी के जरिये कोरोना पॉजिटिव लोगों का इलाज शुरू होने जा रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मंगलवार (28 जुलाई, 2020) को राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में इसका उद्घाटन करेंगे. स्वास्थ्य मंत्री ने शुक्रवार (24 जुलाई, 2020) को ट्वीट करके यह जानकारी दी.

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘कोरोना संकट के बीच एक अच्छी खबर है. राज्य में 28 जुलाई से प्लाज्मा थेरेपी से इलाज शुरू किया जायेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रिम्स में इसका उद्घाटन करेंगे. आइसीएमआर से ट्रायल की अनुमति मिलने के बाद कई राज्यों ने इस पद्धति से इलाज शुरू किया है, जो सफल रहा है. हम भी कर रहे हैं.’ उम्मीद की जा रही है कि प्लाज्मा थेरेपी से इलाज शुरू होने के बाद कोरोना के कहर को रोकने में काफी मदद मिलेगी.

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने रिम्स की निदेशक डॉ मंजू गाड़ी को एक पत्र लिखा है. इसमें लिखा गया है कि सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में 28 जुलाई से प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत की जायेगी. इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे. स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. स्वास्थ्य सचिव ने रिम्स निदेशक को भी इस बाबत सभी तरह की तैयारियां करने के निर्देश दिये हैं.

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ज्ञात हो कि देश की राजधानी दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना से संक्रमित लोगों का इलाज शुरू किया गया है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन जब कोरोना की चपेट में आये थे, तो प्लाज्मा थेरेपी से ही उनका इलाज हुआ था और वह स्वस्थ हुए थे. कई और राज्यों में मरीजों पर यह प्रयोग सफल रहा है. यही वजह है कि आइसीएमआर ने इस प्रयोग को ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल करने की अनुमति दी है.

क्या है प्लाज्मा थेरेपी?

प्लाज्मा थेरेपी को मेडिकल साइंस की भाषा में प्लाज्माफेरेसिस (Plasmapheresis) कहते हैं. यह ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें खून के तरल पदार्थ या प्लाज्मा को रक्त कोशिकाओं (B‌lood Cells) से अलग किया जाता है. यदि किसी व्यक्ति के प्लाज्मा में अनहेल्दी टिश्यू मिलते हैं, तो उसका इलाज समय रहते शुरू कर दिया जाता है. आधुनिक मेडिकल साइंस की देन प्लाज्माफेरेसिस ने काफी लोगों की जिंदगी बदल दी है. कुछ विशेष उद्देश्यों के लिए ही यह प्रक्रिया अपनायी जाती है.


प्लाज्मा थेरेपी क्यों?

  • कई बीमारियां संक्रमण की वजह से होती हैं. इसिलए संक्रमण का पता लगाने के लिए प्लाज्मा थेरेपी अपनायी जाती है.

  • इस दौर में काफी सारे अंगों का ट्रांसप्लांटेशन होता है. कई बार ये असफल साबित हो जाते हैं. ट्रांसप्लांट कराने वाले लोगों के लिए डोनर पार्ट सही तरीके से काम नहीं करता है, तब प्लाज्मा थेरेपी उनकी मदद करता है.

  • खेल के दौरान गंभीर चोट या स्पोर्ट्स इंज्यूरी के इलाज में भी कई बार फ्लाज्माफेरेसिस का सहारा लिया जाता है.

  • मायस्थीनिया ग्रोविस (Myasthenia Gravis) से पीड़ित व्यक्ति के इलाज में डॉक्टर प्लाज्मा थेरेपी की मदद लेते हैं. मायस्थीनिया ग्रोविस ऐसी मानसिक बीमारी है, जिसमें लोगों की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं.

  • प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल अक्सर गुलियन बेरी सिंड्रोम (Gullian Berry Syndrome) के इलाज करने में भी होता है. गुलियन बेरी सिंड्रोम रोग-प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करने की बीमारी है, जिसका असर लोगों की सेहत पर पड़ता है और उनके बीमार होने की संभावना काफी बढ़ जाती है.

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कैसे करते हैं प्लाज्मा थेरेपी?

प्लाज्मा थेरेपी एक दिन की प्रक्रिया है, जिसमें 3 घंटे तक का समय लगता है. इसे काफी सावधानी से किया जाता है, ताकि मरीज को कष्ट न हो.

  • स्टेप 1: प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत बांह में सुई लगाकर होती है.

  • स्टेप 2: सुई लगाने के बाद खून निकाला जाता है, जिसके लिए अपकेंद्रित मशीन (Centrifuge Machine) का इस्तेमाल होता है.

  • स्टेप 3: प्लाज्मा थेरेपी कराने वाले व्यक्ति के शरीर से खून निकालने के बाद प्लाज्मा का निर्माण किया जाता है.

  • स्टेप 4: तैयार प्लाज्मा को इंजेक्शन की मदद से मरीज के शरीर में डाला जाता है.

  • स्टेप 5: प्लाज्मा का इंजेक्शन लगाने के बाद इंजेक्शन वाली जगह को साफ करके बैंडेज लगा दिया जाता है. इसके साथ ही प्लाज्मा थेरेपी की प्रक्रिया पूरी हो जाती है.

Posted By : Mithilesh Jha

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